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चीन की मांग पर पाकिस्तान में खुलेआम 'गधों' का कत्ल, ग्वादर में बनेगा बड़ा स्लॉटर हाउस

पाकिस्तान ने चीन की मांग को ध्यान में रखते हुए ग्वादर में गधों के लिए एक स्लॉटर हाउस स्थापित करने का निर्णय लिया है. इस पहल के माध्यम से पाकिस्तान गधे की खाल का निर्यात करेगा, जो चीन के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित होगा. यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगा.

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Pakistan Economy: पाकिस्तान ने चीन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ग्वादर में गधों के लिए एक विशाल बूचड़खाना (स्लॉटर हाउस) खोलने का फैसला किया है. इस फैसले के तहत पाकिस्तान चीन को गधों की खाल, मांस और हड्डियों का निर्यात करेगा. पाकिस्तान में गधों की संख्या पहले ही काफी अधिक है और अब इस फैसले से इनकी आबादी पर खतरा मंडराने लगा है.

गधों की खाल से बनेगा महंगा जिलेटिन, चीन को होगा निर्यात

आपको बता दें कि ग्वादर में बनाए जा रहे इस स्लॉटर हाउस के लिए 7 मिलियन डॉलर का बजट तय किया गया है. इस फैसले के तहत लगभग 3,00,000 गधों को मारकर उनकी खाल से जिलेटिन निकाला जाएगा. माना जाता है कि इस जिलेटिन का उपयोग चीन में पारंपरिक दवाओं के रूप में किया जाता है, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. खासकर, "एजिओ" नामक एक औषधीय पदार्थ, जो गधे के कोलेजन से तैयार किया जाता है, की वैश्विक बाजार में कीमत लगभग 8 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष है.

पाकिस्तान में गधों को लेकर बढ़ा विरोध

वहीं पाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल देश है, जहां गधे के मांस पर प्रतिबंध है. लेकिन गधों के अन्य उत्पादों के निर्यात को लेकर कोई रोक नहीं है. साल 2025 तक पाकिस्तान में गधों की संख्या 5.5 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा होगी. इसी वजह से पाकिस्तान के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्रालय के अधिकारियों ने जीवित गधों की जगह उनके उप-उत्पादों को निर्यात करने को अधिक फायदेमंद बताया है.

हालांकि, इस फैसले ने पाकिस्तान के कई धार्मिक नेताओं और ग्रामीण समुदायों में नाराजगी पैदा कर दी है. गधों का उपयोग पाकिस्तान के कई इलाकों में परिवहन के लिए किया जाता है, जिससे यह लोगों की आजीविका का हिस्सा भी है. ग्वादर के कई स्थानीय लोगों ने इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन भी किया है.

चीन में गधों की बढ़ती मांग, तस्करी का खतरा भी बढ़ा

बताते चले कि 'डंकी सेंक्चुरी' के मुताबिक, चीन में गधों से बने उत्पादों की भारी मांग है, जिसके कारण हर साल दुनिया भर में करीब 5.9 मिलियन गधों को मारा जाता है. अफ्रीकी संघ द्वारा गधों की खाल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब चीन ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान की ओर रुख किया है. इसको लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि गधों की बढ़ती मांग के चलते तस्करी और अवैध वध का खतरा भी बढ़ रहा है. अगर यह स्थिति जारी रही तो आने वाले वर्षों में गधों की आबादी पर बुरा असर पड़ सकता है.

क्या पाकिस्तान अपने फायदे के लिए गधों की बलि देगा?

हालांकि, ग्वादर में स्लॉटर हाउस खोलने का पाकिस्तान सरकार का फैसला न केवल धार्मिक और सामाजिक विवादों को जन्म दे रहा है, बल्कि इससे पर्यावरणीय असंतुलन और जानवरों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है. अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान सिर्फ आर्थिक लाभ के लिए इन गधों का बलिदान देगा या जनता के विरोध को देखते हुए इस फैसले पर पुनर्विचार करेगा?