नई दिल्ली: चीन में 4000 साल पुराने एक महल की खोज हुई है. इस खोज ने दुनियाभर के पुरातत्वविदों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. बताया जा रहा है कि खोजा गया यह महल मध्य चीन के हेनान प्रांत के शिनमी पुरातात्विक स्थल पर मिला है. यह शिनमी पुरातात्विक स्थल चीन के इतिहास में बहुत अहमियत रखता है.
शोधकर्ताओं इस नए खोज के बारे में बताया कि यह महल संभवत: शिया राजवंश (2070-1600 ईसापूर्व) के दौरान हेनान प्रांत में बनाया गया था. जिस शहर में यह महल स्थित है, वह चारों तरफ से दीवारों से घिरा हुआ था. अवशेषों से भरा हुआ यह पूरा इलाका 17 हेक्टेयर में फैला हुआ है.
प्राचीन लोंगशान संस्कृति से है नाता
इस महल के खोज की जानकारी चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने दी है. कुछ साल पहले पुरातत्वविदों ने झेंशुई नदी के पूर्वी किनारे पर इस प्राचीन शहर के अवशेषों को खोजा था. करीब 176,000 वर्ग मीटर के आयताकार क्षेत्र में फैला हुआ यह प्राचीन शहर अच्छी तरह से संरक्षित और प्राचीन लोंगशान संस्कृति से जुड़ा हुआ है. यह चीन की एक प्राचीन सभ्यता थी, जो आज के हेनान प्रांत और उसके आसपास के क्षेत्रों में निवास करती थी. खोजे गए राजमहल के अवशेषों में नींव का ढांचा शामिल है, जो मिट्टी, चाक या चूने जैसी कच्ची सामग्री को दबाकर बनाया गया है.
चीन महल की है ये खासियत
इस विशाल महल के खोदे गए अवशेष लगभग 60 मीटर लंबे और 30 मीटर चौड़े हैं, जो 1,800 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल में फैले हुए हैं. इसके चारों तरफ नीचा है जबकि बीच में ऊंचा है. जिसके ऊपर समतल सतह और स्तंभों के छेद समान दूरी पर बने हुए हैं. महल की संरचना में बने छेदों से ये संकेत मिला है. कि यह इस महल किस प्रकार दिखता होगा. खुदाई दल के प्रमुख ली बोने शिन्हुआ को बताया कि ये छेद दर्शाते हैं कि 'नींव दक्षिण और उत्तर में छतों, पूर्व और पश्चिम में बरामदों और बीच में एक आंगन के साथ एक आवास परिसर से संबंधित थी.'
प्राचीन कृषि प्रथाओं पर डालेंगी प्रकाश
चीन के हेनान प्रांत में ही एक अन्य प्राचीन शहर झोउकोऊ में भी पुरातात्विक खोज हुई हैं. इसके बारे में माना जाता है कि वे लोंगशान संस्कृति और शिया राजवंश के काल के हैं. इस पुरास्थल से शोधकर्ताओं को झुकूई मंदिर स्थल पर राख के गड्ढों, खाइयों और अन्य वास्तु अवशेष मिले हैं. इन खोजों में सबसे महत्वपूर्ण खोज मिट्टी के स्तंभों और मिट्टी की दीवारों से बने दो गोलाकार भवनों के अवशेष थे. इनका उपयोग को लेकर ऐसा अनुमान है कि इसका उपयोग अनाज के भंडारण के लिए किया जाता था. खुदाई दल का नेतृत्व करने वाले पुरातत्वविद फांग लिक्सिया ने बताया कि यह सभी खोजें यहां की प्राचीन कृषि प्रथाओं पर प्रकाश डालेंगी.