menu-icon
India Daily

अब स्पेस में होगी न्यूक्लियर वॉर? व्लादिमीर पुतिन का प्लान जानकर दुनिया कांप जाएगी

रूस अंतरिक्ष में बड़े पैमाने पर एंटी-सैटेलाइट परमाणु व्यवस्था को फैलाने में जुटा है. पुतिन वहां भी अपना दबदबा बनाने की कोशिश में हैं.

auth-image
Edited By: India Daily Live
space nuclear WAR

दुनिया के ताकतवर देश अंतरिक्ष में एक अलग लड़ाई लड़ रहे हैं. रूस अब अंतरिक्ष में अपना दबाव बनाना चाह रहा है. रूस के राष्ट्रपति पुतिन अब अंतरिक्ष की तरफ अपना रुख कर रहे हैं. रूस अंतरिक्ष में बड़े पैमाने पर एंटी-सैटेलाइट परमाणु व्यवस्था को फैलाने में जुटा है. रिपोर्ट के अनुसार पुतिन की इस योजना ने बाइडन प्रशासन और एक्सपर्ट को परेशान कर दिया है. रूस की ये योजना अगर सफल हुई तो कुछ ही समय में रूस अंतरिक्ष में राज करेगा. 

रूस ने फरवरी 2022 में कॉसमॉस-2553 को लॉन्च किया था. जिसके बाद अमेरिकी अधिकारियों के बीच खलबली मच गई. अमेरिका के एक्सपर्ट ने दावा किया है की इसे अंतरिक्ष में सैटेलाइट को नष्ट करने के हथियार का परीक्षण करने के लिए डिजाइन किया गया है और यह भी दावा किया है कि ये परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. हालांकि, रूस ने सैटेलाइट के साथ परमाणु हथियार नहीं भेजा था लेकिन पुतिन के इस परीक्षण ने अमेरिकी राष्ट्रपति और अधिकारियों की चिंता को बढ़ा दिया है.

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल ने अपनी रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों के माध्यम से ये जानकारी दी है. रूस ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि कॉसमॉस2553 अंतरिक्ष यान वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भेजा गया है, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों को मॉस्को के इस बात पर भरोसा नहीं है.

रूस के दावे पर क्यूं उठ रहे सवाल

रूस के द्वारा दी गई सफाई पर सवाल उठाते हुए अमेरिका की सहायक विदेश मंत्री मैलोरी स्टीवर्ट ने कहा था, कॉसमॉस-2553 की कक्षा ऐसे क्षेत्र में है, जिसका उपयोग किसी अन्य अंतरिक्ष यान द्वारा नहीं किया जाता है. इसमें सामान्य से निचली पृथ्वी कक्षाओं की तुलना में हाई रेडिएशन वातावरण है. वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के अनुसार, रूस कई सालों से सैटेलाइट को खत्म करने की न्यूक्लियर पावर को पाने की कोशिश कर रहा है. वहीं हाल ही में रूस की कोशिश रंग लाई और वह अपने इस प्रयास को बेहतर तरीके से करने में सक्षम साबित हुए हैं.

अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका ने उपग्रह रोधी कार्यक्रम पर अपनी चिंताओं को लेकर रूस से चर्चा करने की कोशिश की है लेकिन मॉस्को ने इसे खारिज कर दिया है. अमेरिका और जापान ने 1967 की आउटर स्पेस संधि के माध्यम से इसे लेकर इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में संबोधित करने का प्रयास किया लेकिन रूस ने यह कहकर वीटो कर दिया कि प्रस्ताव सभी प्रकार के अंतरिक्ष हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए पर्याप्त नहीं है.

दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा? 

अगर रूस अपने एंटी-सैटेलाइट न्यूक्लियर उपकरणों को अंतरिक्ष में लगा देता है तो वह अंतरिक्ष पर राज करेगा. वह इसकी मदद से मॉस्को परमाणु विस्फोट के साथ-साथ बहुत से उपग्रहों को नष्ट करने में सक्षम होगा. जिसका नतीजा होगा कि आर्थिक संचार ढांचे को कई वर्षों तक बाधित या फिर पूरी तरह नष्ट हो सकता है. इस विस्फोट के चलते अंतरिक्ष में सैटेलाइट का मलबा जमा हो जाएगा,  जिससे कुछ कक्षाएं प्रयोग के लायक ही नहीं बचेंगी. जिससे इंटरनेट कनेक्शन अचानक बंद हो जाएगा और इंटरनेट से सम्बन्धित सारी सुविधाएं बन्द हो जाएगी.