Indus Water Treaty Dispute: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपना लिया है. इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) और लश्कर-ए-तैयबा पर डाली जा रही है. इसके बाद भारत ने सिंधु जल संधि को लेकर तीन-स्तरीय योजना पर काम शुरू कर दिया है.
बिलावल भुट्टो की भड़काऊ टिप्पणी
बता दें कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने इस संवेदनशील समय में भड़काऊ बयान देते हुए कहा, ''मैं भारत को बताना चाहता हूं कि सिंधु हमारी है और सिंधु हमारी ही रहेगी - या तो उनके खून से इस सिंधु में पानी बहेगा.'' उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव लगातार बढ़ रहा है.
'पानी की एक भी बूंद नहीं जाएगी पाकिस्तान'
वहीं केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि सिंधु जल संधि अब समीक्षा के दायरे में है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में तय किया गया कि सिंधु नदी से पाकिस्तान को जाने वाले पानी को रोकने के लिए ठोस योजना बनाई जाएगी. जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने स्पष्ट कहा, ''हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भारत से पानी की एक भी बूंद पाकिस्तान में न जाए.''
पाकिस्तान की बौखलाहट
बताते चले कि भारत के इस रुख के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. पाकिस्तान ने इसे 'युद्ध की कार्रवाई' करार देते हुए कहा है कि अगर भारत सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाला पानी रोकने की कोशिश करता है, तो इसका जवाब दिया जाएगा. हालांकि, भारत इस संधि को लेकर कानूनी और रणनीतिक तौर पर आगे बढ़ रहा है.
भारत की कूटनीतिक बढ़त
हालांकि, भारत ने न सिर्फ सिंधु जल संधि को निलंबित किया है बल्कि अटारी बार्डर की चेकपोस्ट को बंद कर दिया है और पाकिस्तान के साथ तमाम द्विपक्षीय समझौतों पर फिर से विचार शुरू कर दिया है. पाकिस्तान की छवि पहले ही FATF और संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर सवालों के घेरे में है.