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नास्त्रेदमस ने पोप फ्रांसिस के बारे में की थी भयानक भविष्यवाणी, हेल्थ खराब के बाद बढ़ी आशंका!

पोप फ्रांसिस का स्वास्थ्य काफी नाजुक स्थिति में है. ऐसे में उनकी हालत की निगरानी की जा रही है. नास्त्रेदामस और संत मालाची की भविष्यवाणियां अब एक बार फिर चर्चाओं में हैं, और इसके बारे में नई साजिशों का जन्म हो रहा है.

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मध्यमकालीन भविष्यवक्ता नास्त्रेदामस की चौंकाने वाली भविष्यवाणियां एक बार फिर सुर्खियों में हैं, खासकर जब से उन्होंने अंतिम पोप के बारे में अपनी भविष्यवाणी की थी. कुछ ऑनलाइन षड्यंत्र सिद्धांतकारों का मानना है कि 2024 में नास्त्रेदामस की भविष्यवाणियां सही हो सकती हैं. पोप फ्रांसिस प्रथम अंतिम पोप हो सकते हैं. यह चर्चा तब और गर्म हो गई जब पोप फ्रांसिस, जिनकी उम्र 88 वर्ष है, उनको एक गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती किया गया है.

नास्त्रेदामस की भविष्यवाणी:
नास्त्रेदामस ने लिखा था कि "बहुत बूढ़े पोप की मृत्यु के बाद... एक अच्छे उम्र के रोमानी को चुना जाएगा. उसके बारे में कहा जाएगा कि वह अपनी सीट को कमजोर करता है... लेकिन वह लंबे समय तक बैठेगा और तेज सक्रियता दिखाएगा.

नास्त्रेदामस की भविष्यवाणियां हमेशा से ही विवेचना के लिए खुली रही हैं, और पोप फ्रांसिस पर भी इस पर आधारित भविष्यवाणियां की जा चुकी हैं. दरअसल, पोप के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ने के साथ ही यह षड्यंत्र फिर से जोरों पर हैं.

संत मालाची की भविष्यवाणी और उसका क्या है अर्थ!

12वीं शताब्दी के आयरिश संत, संत मालाची ने भी एक भविष्यवाणी की थी, जिसमें कहा गया था: "पवित्र रोमानी चर्च के अंतिम उत्पीड़न में, पीटर रोमानी बैठेगा, जो अपनी भेड़ों को अनेक कष्टों में चराएगा, और जब यह समाप्त होगा, तब सात पहाड़ियों वाला नगर नष्ट हो जाएगा, और भयानक न्यायाधीश अपनी प्रजा का न्याय करेगा. ऐसे में कई लोग मानते हैं कि यह भविष्यवाणी पोप के परिवर्तन और शायद नाम में बदलाव, जैसे 'पीटर' का नाम लिए जाने को अंतिम समय का संकेत मानते हैं.

पोप फ्रांसिस के स्वास्थ्य की क्या है स्थिति?

पोप फ्रांसिस के स्वास्थ्य के बारे में रविवार (23 फरवरी) को वेटिकन से एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि पोप ने शांति से रात बिताई, लेकिन उन्हें सांस की तकलीफ और रक्त आधान के बाद राहत मिली थी. पोप के स्वास्थ्य की स्थिति बहुत गंभीर बनी हुई है, क्योंकि उन्हें पिछले कुछ दिनों से निमोनिया और जटिल फेफड़े के संक्रमण का इलाज चल रहा है. डॉक्टरों ने बताया कि पोप का जीवन अब भी संकटपूर्ण है, क्योंकि अगर संक्रमण रक्तप्रवाह में प्रवेश करता है तो सेप्सिस जैसी गंभीर स्थिति हो सकती है.