उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन ने देश के सबसे बड़े नौसैनिक विध्वंसक का उद्घाटन किया है, जो परमाणु मिसाइलों को दागने में सक्षम वर्टिकल लॉन्चपैड से लैस हो सकता है. बताया जा रहा है कि, यह 5,000 टन का विशाल युद्धपोत पश्चिमी देशों के लिए एक चेतावनी के रूप में उत्तर कोरिया की नौसैनिक ताकत को अभूतपूर्व रूप से बढ़ाने की तैयारी में है.
'चोए ह्योन-क्लास' विध्वंसक की क्या हैं विशेषताएं?
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया जो किम की प्रचार मशीन के रूप में भी काम करती है. उसने बताया कि यह युद्धपोत "सबसे शक्तिशाली हथियारों" से सुसज्जित है. इसे 'चोए ह्योन-क्लास' नाम दिया गया है, जो जापान विरोधी क्रांतिकारी लड़ाके चोए ह्योन के नाम पर रखा गया है.। 5,000 टन से अधिक वजन वाला यह विध्वंसक उत्तर कोरिया के नौसैनिक बेड़े का सबसे बड़ा युद्धपोत होगा, जो वर्तमान में सबसे बड़े 1,360 टन के फ्रिगेट को पीछे छोड़ देगा.
सैन्य विश्लेषकों के अनुसार, इस युद्धपोत में दर्जनों वर्टिकल लॉन्च सेल्स हैं, जो क्रूज मिसाइलों को ले जाने में सक्षम हैं. उत्तर कोरिया का दावा है कि ये मिसाइलें परमाणु हथियार ले जा सकती हैं.
किम का पश्चिम को चेतावनी भरा संदेश
नाम्फो के सैन्य शिपयार्ड में शुक्रवार को हुए लॉन्च समारोह में किम ने कहा, "अगर अमेरिका अपनी सैन्य शक्ति के प्रदर्शन का रिकॉर्ड नवीनीकृत करता है, तो हमें रणनीतिक निवारण के अभ्यास में इसे नवीनीकृत करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा." उन्होंने जोर देकर कहा कि मजबूत प्री-एम्प्टिव हमले की क्षमता सबसे "विश्वसनीय युद्ध निवारक" है और ऐसे हमलों की कोई सीमा नहीं है. किम ने यह भी कहा, "हमारे देश का सुरक्षा माहौल अभी बहुत गंभीर है," और उन्होंने खुले समुद्र में संचालन के लिए एक शक्तिशाली बेड़ा बनाने की कसम खाई।.
नौसैनिक आधुनिकीकरण की दिशा में नार्थ कोरिया ने बढ़ाया कदम
उत्तर कोरिया की सरकारी टेलीविजन KRT ने दिखाया कि किम अपनी बेटी जू ऐ के साथ ट्रेन से नाम्फो पहुंचे. इस समारोह में किम की शक्तिशाली बहन किम यो जोंग भी मौजूद थीं. वाइस-एडमिरल पाक क्वांग सोप ने कहा कि यह लॉन्च "महान किम जोंग-उन शैली के बेड़ा निर्माण" का नया युग है. हाल ही में सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला था कि देश के पश्चिमी तट पर एक शिपयार्ड में इस विशाल युद्धपोत का निर्माण चल रहा है. तस्वीरों में हथियार प्रणालियां दिखाई दीं, जो जमीन और समुद्र दोनों पर लक्ष्यों पर मिसाइलें दागने में सक्षम हैं.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद प्रगति
उत्तर कोरिया पर भारी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद किम की सेना इस खतरनाक युद्धपोत का निर्माण कर रही है. विश्लेषकों का मानना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ किम के बढ़ते सैन्य संबंध इन प्रतिबंधों को चकमा देने में मदद कर रहे हैं. 2022 में यूक्रेन पर पुतिन के अवैध आक्रमण के बाद से दोनों नेताओं के बीच सैन्य सहयोग गहरा हुआ है. उत्तर कोरिया ने कथित तौर पर रूस को हथियारों की आपूर्ति की है और कुर्स्क में लड़ने के लिए सैनिक भी भेजे हैं.
परमाणु पनडुब्बी और अन्य सैन्य प्रगति
पिछले महीने उत्तर कोरिया ने अपनी पहली परमाणु-संचालित पनडुब्बी का अनावरण किया, जिसने यह डर बढ़ा दिया है कि उत्तर कोरिया ऐसी तकनीक विकसित कर रहा है, जो अमेरिका पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला करने में सक्षम हो सकती है. सरकारी मीडिया की तस्वीरों में किम को इस पनडुब्बी के निर्माण का निरीक्षण करते देखा गया. ऐसे में विश्लेषकों का अनुमान है कि यह अधूरी नौसैनिक पोत 6,000 से 7,000 टन की हो सकती है और लगभग 10 मिसाइलें ले जा सकती है.