क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां अनुमानित 1.19 बिलियन डॉलर (लगभग 10,943,26,00,000 रुपये) की चोरी हुई है। यह घटना इतिहास की सबसे बड़ी क्रिप्टो चोरी मानी जा रही है। संदेह की सुई उत्तर कोरियाई साइबर अपराधियों की ओर इशारा कर रही है।
दुबई के बायबिट एक्सचेंज पर हमला
दुबई स्थित बायबिट एक्सचेंज ने इस रिकॉर्ड-तोड़ क्रिप्टो चोरी की पुष्टि की है। हैकर्स ने इथेरियम वॉलेट पर नियंत्रण पाकर उसकी पूरी सामग्री चुरा ली। यह चोरी एक अज्ञात पते पर ट्रांसफर कर दी गई।
उत्तर कोरियाई समूह पर शक
ब्लॉकचेन विश्लेषण फर्म आर्कहम इंटेलिजेंस ने उत्तर कोरिया के लाजर समूह पर इस हैकिंग का आरोप लगाया है। फर्म ने सोशल मीडिया पर बताया कि उनके विश्वसनीय ऑनलाइन जासूसों ने "निश्चित सबूत" दिए हैं कि हमलावर कुख्यात उत्तर कोरियाई हैकर समूह से हैं। हालांकि, अभी तक अपराधियों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
बायबिट के सीईओ का बयान
इस घटना के बाद बायबिट के सीईओ बेन झोउ ने एक्स पर एक बयान साझा किया। उन्होंने कहा, "बायबिट इस हैकिंग के नुकसान की भरपाई न होने पर भी दिवालिया नहीं होगा, हमारे सभी ग्राहकों की संपत्ति 1 से 1 समर्थित है, हम नुकसान को कवर कर सकते हैं।" सीईओ ने इस अपराध को "इतिहास का सबसे खराब हैक" बताया।
ग्राहकों की निकासी अनुरोधों का जवाब
झोउ ने बताया कि हमले के बाद उनकी कंपनी को 350,000 से अधिक निकासी अनुरोध प्राप्त हुए। उन्होंने कहा, "सभी निकासी संसाधित कर दी गई हैं।" बायबिट ने पुलिस को अपराध की सूचना दी है और अपराधियों को खोजने के लिए "तेजी से और व्यापक रूप से" काम कर रहा है।
इथेरियम के मूल्य में गिरावट
इस 1 बिलियन डॉलर के हमले के कारण शुक्रवार को इथेरियम के मूल्य में लगभग चार प्रतिशत की गिरावट आई।
उत्तर कोरियाई हैकिंग का इतिहास
उत्तर कोरिया ने 2024 में अनुमानित 800 मिलियन डॉलर और 2022 में अनुमानित 1.7 बिलियन डॉलर की क्रिप्टो चोरी की थी। इससे पहले भी कई बड़े क्रिप्टो हमले हुए हैं, जिनमें लोगों के ऑनलाइन वॉलेट से लाखों डॉलर की चोरी हुई है।
पहले की बड़ी क्रिप्टो चोरियां
इन घटनाओं से पता चलता है कि क्रिप्टो सुरक्षा में सुधार करना कितना आवश्यक है।