कमजोर और समृद्ध देशों के बीच खुशहाली के अंतर को समझाने वाले तीन अर्थशास्त्रियों को मिला नोबेल
इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल कमजोर और समृद्ध देशों के बीच खुशहाली के अंतर को समझने के लिए किए गए शोध को लेकर दिया गया. अध्ययन देशों के बीच समृद्धि और संसाधनों में अंतर पर आधारित है.
Nobel Prize: रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने इस साल के लिए अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार की औपचारिक घोषणा कर दी है. इस साल तीन अर्थशास्त्रियों डेरॉन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए रॉबिन्सन को अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल कमजोर और समृद्ध देशों के बीच खुशहाली के अंतर को समझने के लिए किए गए शोध को लेकर दिया गया. अध्ययन देशों के बीच समृद्धि और संसाधनों में अंतर पर आधारित है.
क्या कहती है स्टडी
तीनों अर्थशास्त्रियों ने अपने शोध में इस बात पर प्रकाश डाला है कि कैसे कमजोर देश सालों की तरक्की के बाद भी अमीर देशों की तरह विकसित नहीं हो पाए हैं. उन्होंने इस बात का भी अध्ययन किया कि संस्थाएं कैसे बनती हैं और समाज की तरक्की और खुशहाली को कैसे प्रभावित करती हैं.
इन अर्थशास्त्रियों ने अपनी स्टडी से साबित किया कि निष्पक्ष और मजबूत संस्थाएं जैसे अच्छी सरकार और बेहतर कानून व्यवस्था लोगों की जिंदगी पर सकारात्मक असर डालती है.
बता दें कि डेरॉन ऐसमोग्लू और साइमन जॉनसन अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से जुड़े हैं. वहीं जेम्स ए रॉबिन्सन शिकागो विश्वविद्यालय से संबंध रखते हैं.
अल्फ्रेड नोबेल के सम्मान में दिए जाते हैं नोबेल पुरस्कार
नोबेल पुरस्कार डायनामाइट के स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिया जाता है. अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु 1896 में हुई थई. यह पुरस्कार भौतिक, रसायन, चिकित्सा, साहित्य और शांतिक के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए दिया जाता है.