चमगादड़ों में मिले नए प्रकार के कोरोना से दुनिया में मची खलबली, इंसानों को खतरा या नहीं, एक्सपर्ट्स ने बताया?

साल 2019 के अंत में चीन में ही कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था और उस घटना के ठीक 5 साल बाद यह मामला सामने आया है. एक्सपर्ट्स ने बताया कि कोरोना का यह प्रकार इंसानों को हानि पहुंचा सकता है.

एक्सपर्स्ट ने चमगादड़ों में एक नये प्रकार के कोरोना वायरस का पता लगाया है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि कोरोना का यह प्रकार इंसानों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है.

सेल जर्नल में प्रकाशित हुई स्टडी
वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की एक टीम द्वारा किए गए इस अध्ययन को सेल जर्नल में प्रकाशित किया गया है. इस अध्ययन का नेतृत्व जानी मानी चीनी वायरोलॉजिस्ट ने किया जिन्हें  चमकादड़ों में कोरोना वायरस पर उनके व्यापाक शोधों के लिए बैटवुमन के रूप में जाना जाता है.

बता दें कि साल 2019 के अंत में चीन में ही कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था और उस घटना के ठीक 5 साल बाद यह मामला सामने आया है.

अध्ययन में शामिल वैज्ञानिकों ने जापानी घरेलू चमगादड़ों के गुदा स्वाब के नमूने एकत्र किए और उनका विश्लेषण किया. नमूनों में  HKU5-CoV की एक नई वंशावली का पता चला जिसमें मानव के एंजाइम  ACE2 के साथ जुड़ने की क्षमता थी.

इस क्षमता के कारण यह वायरस कोविड-19 और  SARS-CoV-2 के समान हो जाता है जिसमें मानव एंजाइम  ACE2  के रिसेप्टर्स से जुड़ने और लोगों के बीच फैलने की क्षमता होती है.

अध्ययन के अनुसार HKU5-CoV  में अन्य स्तनधारियों में अन्य  ACE2  रिसेप्टर्स के साथ जुड़ने की क्षमता है, जिससे क्रॉस-स्पीशीज ट्रांसमिशन का संभावित खतरा बढ़ जाता है.

वर्तमान में इंसानों में कोई मामला नहीं
हालांकि वर्तमान में इंसानों में  HKU5-CoV-2 के मामलों की पुष्टि नहीं हुई है, जिसकी वजह से  लक्षण अज्ञात हैं. अगर इंसान संक्रमित चमगादड़ो या संक्रमित जानवरों के तरल (लार, मूत्र या मल) के संपर्क में आते हैं तो  HKU5-CoV-2 की मानव एंजाइम ACE2 से जुड़ने की क्षमता के कारण लोग संक्रमित हो सकते हैं.
 
शोधकर्ताओं ने कहा कि इसका इंसान पर क्या असर होगा इसको लेकर अभी हमारे पास कोई डाटा नहीं है. हमें इस वायरस के खतरे की क्षमता का पता लगाने के लिए अधिक शोध की जरूरत है.