menu-icon
India Daily

FBI के नए डायरेक्टर Kash Patel ने अयोध्या के राम मंदिर पर दिया था जोरदार बयान, देखती रह गई थी अमेरिकी मीडिया

अमेरिका में संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के नए निदेशक काश पटेल ने पदभार संभालते ही सुर्खियां बटोर ली हैं. उनकी नियुक्ति के बाद, उन्होंने भगवद गीता पर शपथ लेकर न केवल अपनी भारतीय जड़ों को दर्शाया, बल्कि अपनी पिछली टिप्पणियों को भी प्रासंगिक बना दिया, जिनमें उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर को लेकर पश्चिमी मीडिया की रिपोर्टिंग पर कड़ी आपत्ति जताई थी.

auth-image
Edited By: Babli Rautela
Kash Patel FBI Director
Courtesy: Social Media

Kash Patel FBI Director: संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के नवनियुक्त फाउंडर काश पटेल शपथ ग्रहण के तुरंत बाद चर्चा में आ गए हैं. उनका हिंदू धर्मग्रंथ भगवद गीता पर शपथ लेने का फैसला न केवल उनके सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाता है, बल्कि अयोध्या के राम मंदिर को लेकर पश्चिमी मीडिया की उनकी पूर्व आलोचना को भी ताजा कर देता है. गुरुवार को अमेरिकी सीनेट में मात्र 51-49 के अंतर से हुए मतदान में काश पटेल को FBI के नौवें फाउंडर के रूप में नियुक्त किया गया. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनकी काबिलियत पर भरोसा जताते हुए कहा कि वह 'अब तक के सबसे बेहतरीन' FBI निदेशक साबित होंगे.

काश पटेल, जो पहले एक आतंकवाद निरोधी अभियोजक रह चुके हैं, अमेरिका के लिए अपनी वफादारी को बार-बार जाहिर कर चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद, उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर पश्चिमी मीडिया की रिपोर्टिंग पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था.

राम मंदिर पर विदेशी मीडिया के रवैये पर पटेल

22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में रामलला के अभिषेक के दौरान कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने इसे 'हिंदू राष्ट्रवाद के उभार' के प्रतीक के रूप में पेश किया था. इस पर अपना रिएक्शन साझा करते हुए काश पटेल ने इन रिपोर्ट्स को एकतरफा करार दिया और कहा कि पश्चिमी मीडिया राम मंदिर के ऐतिहासिक महत्व को पूरी तरह नजरअंदाज कर रहा है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, काश पटेल ने कहा, 'जब प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर के उद्घाटन के लिए वहां गए, तो सभी वाशिंगटन के अखबारों ने केवल पिछले 50 साल के इतिहास को कवर किया. वे पिछले 500 साल भूल गए. चाहे आप हिंदू हों या मुस्लिम, 1500 में वहां एक भव्य हिंदू मंदिर था जिसे तोड़ दिया गया था, और हिंदू समुदाय पिछले 500 सालों से इसे वापस पाने के लिए प्रयास कर रहा था.'

उन्होंने आगे अमेरिकी मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक 'गलत सूचना अभियान' है, जिसका उद्देश्य भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करना है.

'ट्रंप और मोदी को समान मानती है अमेरिकी मीडिया'

काश पटेल ने अपने बयान में यह भी दावा किया कि वाशिंगटन की राजनीतिक लॉबी ट्रंप और मोदी को एक जैसी विचारधारा वाले नेता मानती है, इसलिए वे भारत सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. 'लेकिन वाशिंगटन प्रतिष्ठान इतिहास के उस हिस्से को भूल गया, जो मेरे अनुसार एक गलत सूचना अभियान है. यह भारत और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एक साजिश है. वे ट्रंप और मोदी को समान विचारधारा वाला नेता मानते हैं, इसलिए वे इसे लेकर नकारात्मक एजेंडा चला रहे हैं.'

FBI फाउंडर बनने से पहले भी काश पटेल भारत के साथ मजबूत संबंध रखते आए हैं. जब डोनाल्ड ट्रंप अहमदाबाद के ऐतिहासिक दौरे पर आए थे, तो पटेल ने उनके भाषण में भारतीय संदर्भों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने ट्रंप के भाषण में महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद का उल्लेख भी जोड़ा था, ताकि भारतीय जनता से अधिक जुड़ाव बनाया जा सके.