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India Daily

भारत के अलावा दुनिया के इन देशों में भी पहुंचा कोविड का घातक वेरिएंट, जानें ताजा हालात

Covid Variant JN.1 News: कोरोना एक बार फिर से डराने लगा है. भारत सहित दुनिया के कई मुल्कों में कोरोना वायरस का नया सब वैरिएंट JN.1 सामने आया है. कोरोना का यह सब वैरिएंट बेहद तेजी से फैलता है.

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Edited By: Shubhank Agnihotri
Jn.1

हाइलाइट्स

  • इंडोनेशियाई सरकार का लॉकडाउन से इंकार 
  • 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग अधिक प्रभावित 

Covid Variant JN.1 News: कोरोना एक बार फिर से डराने लगा है. भारत सहित दुनिया के कई मुल्कों में कोरोना वायरस का नया सब वैरिएंट JN.1 सामने आया है. कोरोना के इस सब वैरिएंट ने लोगों की तकलीफों को फिर से बढ़ा दिया है. भारत में यह वायरस केरल में देखे गए हैं. कोरोना का यह सब वैरिएंट बेहद तेजी से फैलता है. इसका सबसे पहला मामला लक्जमबर्ग में दर्ज किया गया था. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, यह वायरस अब दुनिया के कई अन्य देशों में जगह बना चुका है. इसके मामले पांच और देशों में दर्ज किये गए हैं. 

60 साल से ज्यादा उम्र के लोग अधिक प्रभावित 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस वायरस के मामले अमेरिका, चीन, भारत, सिंगापुर, के अलावा कुछ यूरोपीय देशों में देखे गए हैं. 4 से 10 दिसंबर की अवधि के बीच ही केवल सिंगापुर में ही 56,000 से ज्यादा मामले डिटेक्ट किए गए हैं. सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, 60 साल से अधिक आयु के लोग अस्पताल में ज्यादा भर्ती हो रहे हैं. 

इंडोनेशियाई सरकार का लॉकडाउन से इंकार 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया में पिछले माह की तुलना में इस महीने 143 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है. राजधानी जकार्ता में हर दिन लगभग 200 मामले दर्ज किये जा रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि इनमें 90 फीसद से ज्यादा मामले बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले हैं. इंडोनेशियाई सरकार ने फिलहाल लॉकडाउन लगाने से इंकार कर दिया है. हेल्थ मिनिस्ट्री ने लोगों से मास्क पहनने का आग्रह किया है. 


यह महामारी अभी निम्न स्तर पर 

चीनी सरकार का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, कोरोना के इस वैरिएंट से जुड़े चीन में लगभग सात मामले देखे गए हैं. चीनी अधिकारियों के अनुसार, यह महामारी अभी निम्न स्तर पर है. सभी संक्रमण बगैर लक्षण वाले हैं. फिलिपींस में भी कोविड और फ्लू संक्रमण के ताजा मामले देखे गए हैं. दिसंबर के पहले सप्ताह में ही 1340 मामले देखे गए थे. अमेरिका में सितंबर में इसका पहला मामला दर्ज किया गया था.