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India Daily

'...तो हम अपने छात्रों को नहीं देंगे NOC', नेपाल सरकार की भारत को चेतावनी, कलिंगा यूनिवर्सिटी मामले में उठा सकती हैं बड़ा कदम

नेपाल की रहने वाला KIIT में बीटेक की छात्रा की मौत ने नेपाल और भारत के बीच शैक्षणिक संबंधों में खलबली मचा दी है. नेपाल सरकार ने चेतावनी दी है की अगर मामले को सही और कानूनी तरीके से नहीं हल किया गया, तो वह भविष्य में भारते में पढ़ने के इच्छुक अपने छात्रों को NOC जारी करना बंद कर सकती है.

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Edited By: Babli Rautela
Nepal Government
Courtesy: Social Media

Nepal Government: नेपाल सरकार ने मंगलवार को एक गंभीर चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर ओडिशा के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में उसकी एक छात्रा की मौत के मामले को सही और कानूनी तरीके से नहीं हल किया गया, तो वह भविष्य में भारत के शैक्षिक संस्थानों में पढ़ने के इच्छुक अपने छात्रों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करना बंद कर सकती है. 16 फरवरी, 2025 को बीटेक (कंप्यूटर साइंस) की छात्रा प्रकृति लमसल (20) का शव KIIT के हॉस्टल के कमरे से बरामद हुआ था. यह घटना कथित तौर पर आत्महत्या का परिणाम थी, जिससे विश्वविद्यालय परिसर में भारी अशांति फैल गई.

नेपाल सरकार की चेतावनी और अपील

नेपाल के शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि अगर इस घटना के बाद उत्पन्न समस्याओं को उचित तरीके से हल नहीं किया गया, तो वह ओडिशा के किसी भी विश्वविद्यालय में पढ़ने के इच्छुक नेपाली छात्रों को भविष्य में NOC जारी करना बैन कर सकते हैं. मंत्रालय ने KIIT में पढ़ाई कर रहे नेपाली छात्रों के अभिभावकों से भी शांति बनाए रखने की अपील की है. इसके अलावा, मंत्रालय ने कहा कि इस घटना के प्रभावी समाधान के लिए एक हेल्प डेस्क का गठन किया गया है और नेपाली छात्रों की पढ़ाई को पुनः सुचारु रूप से शुरू करने के लिए भारत सरकार के साथ लगातार राजनयिक प्रयास किए जा रहे हैं.

क्या है KIIT मामला?

प्रकृति लमसल, जो नेपाल की रहने वाली थी, ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित KIIT में बीटेक (कंप्यूटर साइंस) की छात्रा थी. उसकी मौत के बाद खुलासा हुआ कि वह अपने बैचमेट और एक्स बॉयफ्रेंड अद्विक श्रीवास्तव के मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हुई. इस खबर ने KIIT में पढ़ाई कर रहे दूसरे नेपाली छात्रों को आक्रोशित कर दिया, और उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. विरोध के बाद विश्वविद्यालय परिसर में तनाव बढ़ गया और कुछ सोशल मीडिया वीडियो में KIIT के सुरक्षाकर्मियों और फैकल्टी सदस्यों के नेपाली छात्रों के साथ दुर्व्यवहार किया गया.

विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करते हुए गर्ल्स हॉस्टल के फाउंडर और कंप्यूटर साइंस विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर को सेवा से हटा दिया, जिनके खिलाफ नेपाली छात्रों के साथ अपमानजनक व्यवहार और आपत्तिजनक टिप्पणियों के आरोप थे.

नेपाल की संसद में उठा मामला

नेपाल के संसद में भी इस मामले को गंभीरता से उठाया गया. शिशिर खनाल, बीना लामा, सीता मिजर, शेर बहादुर कुंवर और शांति बीका जैसे सांसदों ने शून्यकाल के दौरान प्रतिनिधि सभा में KIIT में घटित इस दुखद घटना का मुद्दा उठाया. सांसदों ने सरकार से घटना की गहन और निष्पक्ष जांच की मांग की और KIIT में पढ़ने वाले अन्य नेपाली छात्रों के मामलों को सुलझाने के लिए आवश्यक राजनयिक प्रयास करने का अनुरोध किया.

भारत सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह इस मामले में निष्पक्ष जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी. ओडिशा पुलिस ने इस मामले में आरोपी छात्र अद्विक श्रीवास्तव के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है और उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इसके अलावा, KIIT के सुरक्षा गार्डों द्वारा नेपाली छात्रों के साथ किए गए दुर्व्यवहार पर भी सख्त कार्रवाई की गई है.