नेपाल की राजधानी काठमांडू में शुक्रवार (28 मार्च) को सुरक्षा बलों और राजतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पें देखने को मिलीं. ये संघर्ष उस समय हुए जब हजारों राजतंत्र समर्थक राजधानी में एक विशाल विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिसमें वे नेपाल में हिन्दू राज्य और राजतंत्र की बहाली की मांग कर रहे थे. दरअसल, नेपाल में राजतंत्र समर्थकों का यह विरोध प्रदर्शन बहुत ही जोरदार था. प्रदर्शनकारी की मांग है कि नेपाल को फिर से हिन्दू राज्य के रूप में स्थापित किया जाए और राजतंत्र को फिर से बहाल किया जाए.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये विरोध प्रदर्शन काठमांडू के मुख्य सड़कों पर हुआ, जहां प्रदर्शनकारियों ने "हिन्दू राज्य की बहाली" और "राजतंत्र की पुनर्स्थापना" के नारे लगाए. वहीं, प्रदर्शनकारियों के बढ़ते हुजूम को कंट्रोल करने के लिए काठमांडू में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए थे.
बवाल के बाद नेपाल के 3 इलाकों में लगा कर्फ्यू
जैसे ही स्थिति बेकाबू हुई,पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और रबर की गोलियां चलाईं, जिसके बाद कई घरों, अन्य इमारतों और वाहनों में आग लगा दी गई. टिंकुने, सिनामंगल और कोटेश्वर इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
VIDEO | Nepal: Clashes erupt between security and pro monarchy activists in Kathmandu demanding restoration of monarchy and Hindu Kingdom status.
(Source: Third Party)
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/4ffcGas6kr
— Press Trust of India (@PTI_News) March 28, 2025
जानिए नेपाल में क्यों हो रहा है विवाद?
दरअसल, नेपाल में पिछले कुछ सालों में राजतंत्र को खत्म कर दिया गया था और नेपाल को एक संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में घोषित किया गया था. हालांकि, राजतंत्र समर्थकों का मानना है कि यह कदम नेपाल की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान के खिलाफ था. उनका कहना है कि नेपाल का इतिहास और संस्कृति हिन्दू राज्य और राजतंत्र के साथ जुड़ी हुई है. इसे बहाल करने से देश को एक नई दिशा मिल सकती है.
जानें राजशाही समर्थकों की क्या हैं मांगे?
संयुक्त जन आंदोलन समिति के प्रवक्ता नबराज सुबेदी के मुताबिक, नेपाल में 1991 का संविधान फिर से लागू किया जाना चाहिए, जिसमें संवैधानिक राजशाही, बहुदलीय व्यवस्था और संसदीय लोकतंत्र को जगह दी गई थी. इसके अलावा, उनका कहना है कि नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए और मौजूदा संविधान में जरूरी बलाव किए जाने चाहिए, जिससे नेपाल में पुराने कानूनों को वापस लाया जा सकें. वे मानते हैं कि यह बदलाव नेपाल के लिए सबसे अच्छा होगा और देश को एक नई दिशा में ले जाएगा.
काठमांडू में बढ़ते तनाव के बीच सरकार ने सुरक्षा कड़ी की
काठमांडू में सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाते हुए करीब 5000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. यह कदम इस उद्देश्य से उठाया गया है कि यदि स्थिति और बिगड़ती है तो सुरक्षा बल तुरंत मौके पर पहुंचकर हिंसा को नियंत्रित कर सकें. सुरक्षाकर्मियों की तैनाती राजधानी के प्रमुख क्षेत्रों में की गई है, जहां विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
खुफिया एजेंसियों की चेतावनी
खुफिया एजेंसियों ने भी इस प्रदर्शन के दौरान झड़पें होने की आशंका जताई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष हो सकता है, जिसको देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. एजेंसियों ने प्रदर्शनकारियों के संभावित रुख और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष उपाय किए हैं.