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जब हवा में ही लोगों के साथ अचानक गायब हो गया था प्राइवेट प्लेन, 54 साल बाद सुलझ गई मिस्ट्री!

Mystery solved after 54 years: अविश्वसनीय लगता है, लेकिन हाल ही में एक स्पेशलिस्ट के नेतृत्व में चलाए गए खोजी अभियान में 1971 में लापता हुआ एक प्राइवेट जेट विमान आखिरकार मिल गया है. 27 जनवरी, 1971 को बर्फीली और ठंडी रात में एक जेट विमान अटलांटा स्थित डेवलपमेंट कंपनी कजिन्स प्रॉपर्टीज के तीन कर्मचारियों और दो पायलट मेंबर्स के सदस्यों को लेकर बर्लिंगटन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से प्रोविडेंस, रोड आइलैंड के लिए रवाना हुआ था लेकिन रास्ते में ही संपर्क टूट जाने के बाद उसका कुछ पता नहीं चल पाया था.

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Edited By: India Daily Live
Mystery Airplane Missing
Courtesy: IDL

Mystery solved after 54 years: अगर कोई व्यक्ति या चीज 54 साल पहले अचानक से लापता हो जाए और अचानक से आपको कहा जाए कि वो मिल गई है, तो शायद आपको भी विश्वास नहीं होगा. कुछ ऐसा ही हाल उन लोगों का भी था जिनके चाहने वाले 1971 में एक प्राइवेट विमान में सवार होने के बाद जहाज के साथ ही गायब हो गए थे. इस घटना में न तो जहाज का पता चला था और न ही उसमें सवार लोगों का, हालांकि 54 साल बाद कुछ स्पेशलिस्ट्स के नेतृत्व में चलाए गए खोजी अभियान में ये गुत्थी सुलझ गई है.

यह घटना न सिर्फ विमानन इतिहास में दर्ज रहस्य का अंत करती है बल्कि उन परिवारों के लिए भी एक राहत भरी खबर लेकर आती है जो पिछले पांच दशकों से अपने प्रियजनों के गायब होने के गम में थे. 27 जनवरी, 1971 को बर्फीली और ठंडी रात में एक जेट विमान अटलांटा स्थित डेवलपमेंट कंपनी कजिन्स प्रॉपर्टीज के तीन कर्मचारियों और दो पायलटदल के सदस्यों को लेकर बर्लिंगटन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से प्रोविडेंस, रोड आइलैंड के लिए रवाना हुआ था.

5 दशक बाद सुलझी गायब होने की मिस्ट्री

हालांकि रास्ते में ही विमान से संपर्क टूटा और वो अचानक गायब हो गया. पिछले पांच दशकों में कई खोजों के बावजूद जॉर्ज निकिता, डोनाल्ड मायर्स, फ्रैंक वाइल्डर, रिचर्ड किर्बी विंडसर और रॉबर्ट रैनसम विलियम्स III का कभी पता नहीं चला. उनके परिवारों को सिर्फ यही उम्मीद रह गई थी कि किसी दिन उनके प्रियजन लापता होने का रहस्य सुलझ सकेगा और आखिरकार वह दिन आ गया. गोफस्टाउन, न्यू हैम्पशायर के गैरी कोजक को लगता है कि उन्होंने जूनिपर द्वीप के पास, चैम्पलेन झील के नीचे 10 सीटों वाले जेट कमांडर विमान के अवशेष खोज लिए हैं.

यह खोज उन सभी खोज अभियानों के लिए श्रद्धांजलि है जो पिछले सालों में चले थे. भले ही वे सफल नहीं हुए थे, लेकिन उन्होंने सुराग ढूंढने की उम्मीद को बनाए रखा.

1971 से लगातार चल रही थी खोज

विमान के पायलट जॉर्ज की बेटी क्रिस्टीना कॉफी ने इस खोज पर NBC5 न्यूज को बताया, 'जब तक आप सभी टुकड़े नहीं ढूंढ लेते, तब तक आपको शांति नहीं मिलती और आज वो दिन है. आज का दिन है. और यह हो गया.' उनके शब्दों में गहरे शोक का भाव था, लेकिन साथ ही राहत की सांस भी नजर आ रही थी.

कोजक की खोज असल में 27 जनवरी, 1971 की उसी घटना से जुड़ी हुई है. उस दिन एक जेट विमान बर्लिंगटन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से प्रोविडेंस, रोड आइलैंड के लिए रवाना हुआ था, लेकिन दुर्भाग्य से यह चैम्पलेन झील में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. मेमोरियल डे वीकेंड में विमान के कुछ टुकड़े बरामद हुए थे, लेकिन तब भी पूरा विमान और उसमें सवार लोग लापता ही थे. हालिया खोज से पहले, विमान का मलबा और एक ऑक्सीजन टैंक सहित मलबे के कुछ टुकड़े पाए गए थे. लेकिन तकनीक की सीमाओं और झील की गहराई के कारण पूरा विमान कभी नहीं ढूंढा जा सका.

परिवार को आज भी थी मिलने की आस

कोजक ने बताया कि उन्होंने सालों बिताकर चैम्पलेन झील के तल पर असामान्य आकृतियों की खोज की और पानी के पिछले स्कैन का विश्लेषण किया. उनकी लगन और आधुनिक तकनीक का यह मेल ही इस सफलता का कारण बना.

कोजक ने अपने जुनून को स्पष्ट करते हुए कहा,'पानी के नीचे खोई हुई किसी भी चीज को खोजना हमेशा एक दिलचस्प कहानी होती है और इस खास केस में आप जानते हैं, मैंने 2014 में घटना में शामिल लोगों के परिवारों में से कुछ से बात की थी, और मुझे पता था कि वे वास्तव में विमान के मिलने की उम्मीद कर रहे थे.'

पानी की सतह से मिला जहाज का मलबा

कोजक और उनकी टीम मई में एक फॉलो अप खोज पर निकली. इस बार उन्होंने मलबे के कई टुकड़ों को खोजने के लिए रिमोट कंट्रोल्ड वेहिक्लस और हाई-रिजॉल्यूशन इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल किया. उनकी मेहनत रंग लाई. झील की गहराई में पायलटदल के दशकों पहले लापता हुए विमान के रंग से मेल खाते हुए टूटे हुए धड़ – विमान का मुख्य भाग – मिला. साथ ही उन्हें एक इंस्ट्रूमेंट पैनल, विंग स्ट्रक्चर, इंजन के अवशेष और भी कई सबूत मिले.

कोजक ने NBC 5 न्यूज को बताया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उन्होंने लंबे समय से खोए हुए विमान को ढूंढ लिया है, क्योंकि 490 वर्ग मील की इस झील के तल पर किसी अन्य कॉर्पोरेट जेट के मिलने की कोई रिपोर्ट नहीं है. उन्होंने इस खोज में मदद करने वाली अपनी टीम – एक्सेटर में सोनार सर्च एंड रिकवरी के हंस हग, हग के सहयोगी ब्रूस स्टेबिन्स और टिम मैकडॉनल्ड ऑफ मरीन सॉल्यूशंस – को श्रेय दिया.

पहले की रिसर्च से मिली काफी मदद

लापता विमान का पता लगाने के बाद, कोजक ने अपने सभी निष्कर्षों को पुष्टि के लिए राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड और अधिकारियों को सौंप दिया. हालांकि उनकी टीम ने इस दशकों पुराने मामले को सुलझा लिया है, लेकिन कोजक का कहना है कि यदि पिछले वर्षों में दूसरों ने सफलता हासिल न की होती, तो वे ऐसा करने में सक्षम नहीं होते. 

उन्होंने कहा, 'बहुत से लोगों ने इसमें अपना योगदान दिया, जिससे यह सफल हो सका और अगर उनमें से किसी ने भी योगदान नहीं दिया होता, तो यह कभी नहीं हो पाता.'

विमान दुर्घटनास्थल की रक्षा और सम्मान के लिए दुर्घटनाग्रस्त विमान का ठीक स्थान गोपनीय रखा जाएगा, जैसा कि NBC 5 न्यूज ने बताया है.

गुत्थी सुलझी तो कैसा महसूस कर रहे हैं परिवारवाले

हाल के अपडेट से इन सभी वर्षों में मृत मान लिए गए यात्रियों के परिवार के अन्य सदस्यों को गहरा आघात और राहत दोनों महसूस हुई. यात्रियों में से एक फ्रैंक वाइल्डर के बेटे, फ्रैंक वाइल्डर जूनियर ने बताया कि वह कई तरह की भावनाओं से अभिभूत थे.

उन्होंने कहा, 'इस समय मैं सदमे और अविश्वास की भावनाओं से घिरा हुआ हूं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह दिन आएगा. लेकिन मुझे इतनी राहत है कि उन्होंने आखिरकार ढूंढ लिया.'

जॉर्ज की बेटी ने भी कहा कि उन्हें भी यह राहत है कि विमान का पता चल गया है. क्रिस्टीना ने कहा, 'मुझे खुशी है कि यह मेरे जीवनकाल में हुआ, और मुझे खुशी है कि मेरी मां अभी भी जीवित हैं. मैं रो पड़ी क्योंकि, आप जानते हैं, हमारे पास बहुत सी झूठी अफवाहें थीं. कुछ ऐसा जो विमान जैसा दिखता है जो विमान नहीं है. और अब यह मिल गया है.'