रात में अचानक 'आसमान से गिरने लगे रौशनी के पोल,' नजारा देख लोगों के छूटे पसीने.. क्या है इस रहस्यमयी घटना का सच?
Light Pillars Explained: दक्षिण-पश्चिम कनाडा में वेदर काफी अच्छा हो गया है. यहां लोगों को रात के समय अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है. कुछ लोग इस नजारा देख हैरान हैं तो कुछ घबराए हुए हैं. दरअसल, दक्षिण-पश्चिम कनाडा में आसमान से धरती तक गिरते रोशनी के खंभे नजर आ रहे हैं. इससे जुड़ा फोटो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
Light Pillars Explained: दक्षिण-पश्चिम कनाडा में वेदर काफी अच्छा हो गया है. यहां लोगों को रात के समय अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है. कुछ लोग इस नजारा देख हैरान हैं तो कुछ घबराए हुए हैं. दरअसल, दक्षिण-पश्चिम कनाडा में आसमान से धरती तक गिरते रोशनी के खंभे नजर आ रहे हैं. इससे जुड़ा फोटो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
यह नजारा लोगों को ऐसा महसूस कराते हैं जैसे कोई अलौकिक घटना हो रही हो या एलियंस ने हमला बोल दिया हो. हालांकि, ऐसा कुछ नहीं है और यह एक प्राकृतिक घटना है जिसे 'लाइट पिलर्स' कहा जाता है. हाल ही में ये लाइट पिलर्स सेंट्रल अल्बर्टा में देखे गए हैं, जहां पर कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. वहां रात का तापमान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है. इस ठंड में ये लाइट पिलर्स और भी ज्यादा चौंकाने वाले नजर आते हैं, लेकिन यह एक ऑप्टिकल इल्यूजन है जो प्रकृति द्वारा उत्पन्न होता है.
कब बनते हैं लाइट पिलर्स?
लाइट पिलर्स तब बनते हैं जब पृथ्वी की सतह से निकलने वाली रोशनी, ऊपर जमे बर्फ के क्रिस्टलों से परावर्तित होती है. इन क्रिस्टलों का आकार लगभग 0.02 मिमी होता है और ये बर्फ के छोटे प्लेट की तरह होते हैं. जब ये बर्फ के क्रिस्टल प्रकाश को परावर्तित करते हैं, तो रोशनी एक वर्टिकल कॉलम की तरह दिखने लगती है, जिससे धरती से ऐसा प्रतीत होता है जैसे आसमान से रोशनी गिर रही हो.
लाइट पिलर्स को देखने के लिए खास मौसम की परिस्थितियों की जरूरत होती है. इनके बनने के लिए तापमान -10 से -40 डिग्री सेल्सियस के बीच, उच्च आर्द्रता और बिल्कुल शांत हवा चाहिए होती है. जब ये रोशनी के खंभे सूर्य की रोशनी में बनते हैं, तो उन्हें 'सन पिलर' कहा जाता है.