28 मार्च 2025 को म्यांमार के मांडले के पास 7.7 तीव्रता का भीषण भूकंप आया, जिसके 12 मिनट बाद 6.7 तीव्रता का एक और झटका लगा. इन दोनों भूकंपों ने 5,000 से अधिक लोगों की जान ले ली और अरबों रुपये की तबाही मचाई.
सागाइंग फॉल्ट पर भारी हलचल
“सुपरशीयर” भूकंप की विशेषता
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार, यह भूकंप भारतीय और यूरेशियन प्लेटों की टेक्टोनिक सीमा पर स्थित सागाइंग फॉल्ट पर दक्षिण-उत्तर दिशा में दक्षिणावर्त हलचल से उत्पन्न हुआ. यह लगभग 550 किलोमीटर तक फैला, जो अब तक के सबसे लंबे स्ट्राइक-स्लिप सतह टूटनों में से एक है. प्रारंभिक अध्ययनों से पता चलता है कि यह एक दुर्लभ “सुपरशीयर” भूकंप था, जिसमें फॉल्ट टूटने की गति भूकंपीय तरंगों से तेज थी, जिसने विनाशकारी ऊर्जा को बढ़ाया और दूरस्थ क्षेत्रों में भी भारी तबाही मचाई.
मानवीय और सांस्कृतिक क्षति
इस आपदा में 5,400 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल हुए. ऐतिहासिक स्थल, मस्जिदें और हजारों घर नष्ट हो गए. म्यांमार के गृहयुद्ध के बीच आपातकाल की घोषणा की गई और अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता शुरू हुई. यह 1912 के बाद म्यांमार का सबसे शक्तिशाली भूकंप है, जो सैटेलाइट तकनीक की आपदा मूल्यांकन और राहत कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है.