Myanmar Crisis: म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने 334 परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा उत्पन्न की. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस क्षेत्र में आने वाले महीनों तक झटके महसूस किए जा सकते हैं.
334 परमाणु बमों के बराबर ताकत
बता दें कि जियोलॉजिस्ट जेस फीनिक्स के अनुसार, म्यांमार में आए इस भूकंप ने इतनी ऊर्जा उत्पन्न की, जो 334 परमाणु बमों के बराबर है. यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र मांडले शहर के पास, 10 किलोमीटर की गहराई में था. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, मरने वालों की संख्या 1,600 से अधिक हो गई है, जबकि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने अनुमान लगाया है कि यह संख्या 10,000 तक पहुंच सकती है.
भूकंप के झटके महीनों तक जारी रह सकते हैं
इसको लेकर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह भूकंप सिर्फ एक शुरुआत हो सकता है. भारतीय टेक्टोनिक प्लेट म्यांमार के नीचे यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है, जिससे आने वाले महीनों तक आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटके) आते रह सकते हैं.
गृहयुद्ध और संचार बाधित, असली हालात अज्ञात
म्यांमार पहले से ही गृहयुद्ध की आग में झुलस रहा है, जिससे भूकंप राहत कार्यों में और अधिक कठिनाई हो रही है. संचार व्यवस्था चरमरा गई है और सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण बाहरी दुनिया के लिए तबाही का असली पैमाना समझना मुश्किल हो गया है.
भारत, चीन और रूस ने भेजी राहत सामग्री
आपदा के बाद, कई देशों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया-
थाईलैंड और चीन में भी असर
भूकंप का असर सिर्फ म्यांमार तक सीमित नहीं रहा, चीन के युन्नान प्रांत में तेज झटके महसूस किए गए. साथ ही थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी असर पड़ा, जहां 6 लोगों की मौत हो गई, 22 लोग घायल हुए और 101 लापता हो गए.
आपातकाल की घोषणा
बताते चले कि म्यांमार की सैन्य सरकार ने राजधानी नेपीता, मांडले और अन्य 6 क्षेत्रों में आपातकाल लागू कर दिया है. हालांकि, गृहयुद्ध के चलते राहत कार्यों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. सरकारी टेलीविजन एमआरटीवी ने आपातकाल की घोषणा की, लेकिन हानि और हताहतों के सही आंकड़े जारी नहीं किए.