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भूकंप के दौरान शख्स के ऊपर गिरा होटल फिर भी रहा जिंदा, बेड ने दिखाई थी अपनी ताकत

Myanmar Earthquake:  हटवे को सागाइंग के मुख्य अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उन्हें तुरंत उपचार दिया गया. अस्पताल में कोई भी मरीज अंदर नहीं था, क्योंकि यहां के डॉक्टर और नर्सों को डर था कि अगर कोई आफ्टरशॉक आया तो अस्पताल की स्थिति खराब हो सकती है. लेकिन, टिन माउंग ह्टवे का साहस और उनकी इच्छाशक्ति उनके जीवन को बचाने में काम आई.

Imran Khan claims
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Myanmar Earthquake: म्यांमार में हाल ही में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई, और इसमें कई लोग मारे गए. लेकिन इस विनाशकारी घटना में एक व्यक्ति ने अपूर्व साहस और जीवित रहने की अदम्य इच्छाशक्ति से पांच दिनों तक मौत को मात दी. यह कहानी है, शिक्षक टिन माउंग ह्टवे की, जो म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में स्थित एक होटल के मलबे के नीचे दब गए थे और पांच दिन बाद उन्हें सुरक्षित निकाला गया.

47 वर्षीय टिन माउंग ह्टवे एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य हैं. वह सागाइंग में एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे, जब अचानक 7.7 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप ने उस होटल को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया, जिसमें टिन माउंग ह्टवे ठहरे हुए थे. वे होटल के ग्राउंड फ्लोर में अपने कमरे में थे, जब पूरा होटल ढह गया.

"जैसे ही मैं बिस्तर के नीचे गया, पूरा होटल गिर पड़ा और रास्ता बंद हो गया. मैं बस यही कह सकता था 'मुझे बचाओ'," ह्टवे ने कहा.

बिस्तर के नीचे फंसा और जीवित रहने की जद्दोजहद

जब भूकंप आया, तो ह्टवे ने पुराने समय में पढ़ी हुई एक महत्वपूर्ण शिक्षा याद की थी, जिसमें कहा गया था कि भूकंप के दौरान बिस्तर के नीचे छिपना चाहिए. इस समझदारी ने उनकी जान बचाई, लेकिन होटल के गिरने के बाद वे मलबे में दब गए थे. पूरे होटल की छत उनके ऊपर गिर गई थी, और वे जमीन के अंदर दबे हुए थे.

उनकी स्थिति काफी गंभीर थी. उन्होंने बताया, "मेरे शरीर में आग सी लग रही थी और मुझे पानी की जरूरत थी, लेकिन पानी कहीं से नहीं मिल रहा था. इसलिए मैंने अपने शरीर से निकलने वाली तरल को ही पानी की तरह इस्तेमाल किया."

पानी की भारी कमी के बावजूद, ह्टवे ने आत्मविश्वास और साहस से संघर्ष किया. उनके पास कोई साधन नहीं था, लेकिन एक बात थी जिसने उन्हें उम्मीद दी: उनकी सूझबूझ. उनका शरीर गर्म हो चुका था, लेकिन उन्होंने अपने शरीर से निकलने वाली तरल पदार्थों से पानी की कमी को पूरा करने की कोशिश की. यह उनका जीवन बचाने में सहायक साबित हुआ.

राहत कार्य और बचाव

सागाइंग के पास स्थित उनके होटल के मलबे के नीचे दबे हुए होने के कारण कोई उन्हें जल्दी से नहीं ढूंढ सका. बर्बादी इतनी भारी थी कि म्यांमार रेड क्रॉस टीम को किसी के जीवित मिलने की उम्मीद नहीं थी. हालांकि, राहत कार्यों के दौरान एक मलेशियाई बचाव दल ने उन्हें ढूंढ निकाला और उनकी जान बचाई.

उनकी बहन, नान योने ने अपने भाई के बचने के बाद खुशी से कहा, "मैं इसे शब्दों में नहीं कह सकती. मैं नाच रही थी, रो रही थी और अपनी छाती पीट रही थी, क्योंकि मुझे खुशी हो रही थी."

India Daily