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India Daily

म्यांमार में भूकंप से भारी तबाही, मृतकों की संख्या 1600 पार; बचाव कार्य के लिए विद्रोही गुटों ने आंशिक युद्धविराम की घोषणा की

शुक्रवार को म्यांमार में एक बड़ा भूकंप आया, जिससे 1600 से अधिक लोग मारे गए. बचाव कार्य के लिए, लड़ाई करने वाले गुटों ने कुछ समय के लिए लड़ाई रोकने का फैसला किया है.

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Edited By: Anvi Shukla
myanmar earthquake 1600 above died
Courtesy: social media

Myanmar Earthquake Updates: म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई है. शनिवार को देश की सैन्य सरकार ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या 1,644 तक पहुंच गई है. उन्होंने यह भी कहा कि मलबे से और शव निकाले जाने के कारण यह संख्या अभी और बढ़ सकती है. इससे पहले सरकार ने 1,002 लोगों के मरने की जानकारी दी थी. घायलों की संख्या बढ़कर 3,408 हो गई है और 139 लोग अभी भी लापता हैं.

शुक्रवार दोपहर को म्यांमार में आए भूकंप का केंद्र मांडले के पास था. इसके बाद कई झटके महसूस किए गए, जिनमें से एक 6.4 तीव्रता का था. इस भूकंप के कारण कई इमारतें ढह गईं और पुल टूट गए. एक बांध भी गिर गया.

म्यांमार में भूकंप से तबाही, बचाव कार्य में तेजी

देश में चल रहे बचाव कार्यों को देखते हुए, तख्तापलट विरोधी लड़ाकों ने दो सप्ताह के आंशिक युद्धविराम की घोषणा की है, क्योंकि सेना ने बचाव कार्यों में सहायता करना शुरू कर दिया है. 'नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट' ने एक बयान में कहा कि 'पीपुल्स डिफेंस फोर्स (PDF) 30 मार्च 2025 से भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में दो सप्ताह के लिए आक्रामक सैन्य अभियानों को रोक देगा, सिवाय रक्षात्मक कार्यों के.'

भूकंप प्रभावित देश में बचाव कार्य जारी है. हालांकि, भारत सहित कई देशों ने सहायता के लिए टीमें और उपकरण भेजे हैं, लेकिन शहरों में क्षतिग्रस्त हवाई अड्डों के कारण उन्हें उतरने में परेशानी हो रही है. राजधानी नायप्यीटाव में, अधिकारी शनिवार को क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत में जुटे रहे. शहर के अधिकांश हिस्सों में बिजली, फोन और इंटरनेट सेवाएं ठप हैं.

म्यांमार में तबाही के बाद उम्मीद

म्यांमार लंबे समय से गृहयुद्ध की चपेट में है, जिससे पहले ही मानवीय संकट पैदा हो चुका है. इस स्थिति ने देश भर में आवाजाही को मुश्किल और खतरनाक बना दिया है, जिससे राहत प्रयासों में बाधा आ रही है और मृतकों की संख्या बढ़ने का डर है.

आंशिक युद्धविराम की घोषणा के बाद, निर्वासित सरकार ने कहा कि वह अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में 'सुरक्षा, परिवहन और अस्थायी बचाव और चिकित्सा शिविरों की स्थापना सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और गैर-सरकारी संगठनों के साथ सहयोग करेगी.'