अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई नीतियों ने यूरोप में राजनीतिक उथल-पुथल मचा दी है. म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के दूसरे दिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने खुले शब्दों में आलोचना करते हुए यूरोप की संप्रभुता और सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने यूरोप को सुरक्षा और संप्रभुता को मजबूत बनाने के लिए ‘यूरोप की सशस्त्र सेना’ के गठन का आग्रह किया. उन्होंने रूसी सेना के हमले के खिलाफ यूक्रेन की तीन साल की लड़ाई का उल्लेख करते हुए कहा, "मुझे वास्तव में लगता है कि समय आ गया है। यूरोप की सशस्त्र सेना का गठन किया जाना चाहिए." जेलेंस्की का मानना है कि यूरोप को रूस की विस्तारवादी नीतियों से बचाने के लिए सशक्त सेना की जरूरत है.
ट्रंप और पुतिन की बातचीत पर सवाल
जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बातचीत पर चिंता व्यक्त की. ट्रंप ने कहा था कि वह और पुतिन यूक्रेन पर शांति समझौते पर जल्द मिलेंगे. हालांकि, जेलेंस्की ने यूरोप की भागीदारी पर जोर देते हुए कहा, "यूक्रेन हमारी पीठ पीछे हमारी भागीदारी के बिना किए गए सौदों को कभी स्वीकार नहीं करेगा, और यही नियम पूरे यूरोप पर लागू होना चाहिए." जेलेंस्की का कहना है कि यूरोप को शांति वार्ता में समावेशित किया जाना चाहिए.
जर्मन चांसलर शोल्ज़ की कड़ी प्रतिक्रिया
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की जर्मन दक्षिणपंथी नेता से मुलाकात पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. शोल्ज ने वेंस की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा, "हम ऐसे लोगों को स्वीकार नहीं करेंगे जो हमारे लोकतंत्र में हस्तक्षेप करते हैं।"
शोल्ज ने अमेरिका के साथ यूक्रेन की संप्रभुता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता तो दोहराई, लेकिन साथ ही वाशिंगटन के नए राजनीतिक कदमों पर निशाना साधा.
जर्मनी में चुनाव से पहले तनावपूर्ण माहौल
जर्मनी में 23 फरवरी को होने वाले चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल तनावपूर्ण हो गया है।
धुर दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) पार्टी, जो कि वेंस से मुलाकात करने वाले नेता की पार्टी है, सर्वेक्षणों में दूसरे स्थान पर चल रही है. शोल्ज की सोशल डेमोक्रेट्स पार्टी को कड़ी चुनौती मिल रही है, जिससे चुनावी माहौल और भी गर्म हो गया है.