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India Daily

हिंदुओं के कत्लेआम के बीच बांग्लादेश में होंगे आम चुनाव, मोहम्मद यूनुस के राज में क्या लौटेगा लोकतंत्र और होगी 'हसीना' की वतन वापसी?

Muhammad Yunus on Bangladesh General Elections : मुहम्मद यूनुस ने सोमवार को घोषणा की कि बांग्लादेश में आम चुनाव अगले साल के अंत में या 2026 की शुरुआत में होंगे.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Muhammad Yunus on Bangladesh General Elections
Courtesy: Social Media

Muhammad Yunus on Bangladesh General Elections: बांग्लादेश इस समय पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है. कारण हैं वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार. बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा के बाद, इस वर्ष अगस्त में हुए छात्र आंदोलन के परिणामस्वरूप पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से उखाड़ फेंका गया था. इस आंदोलन के कारण शेख हसीना भारत आ गईं, और तब से बांग्लादेश में चुनावों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी. अब, बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में आम चुनाव कराए जाने की घोषणा की है. इस घोषणा के साथ ही बांग्लादेश में लोकतंत्र की वापसी और शेख हसीना की राजनीति में पुनः सक्रिय होने के संभावित सवाल उठ रहे हैं.

मोहम्मद यूनुस ने सरकारी टेलीविजन पर कहा, "चुनाव की तारीख 2025 के अंत तक या 2026 की पहली छमाही में निर्धारित की जा सकती है." उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि राजनीतिक दल चुनाव जल्दी कराने के लिए तैयार हैं, तो नवंबर 2025 तक चुनाव कराया जा सकता है, बशर्ते चुनावी प्रक्रिया में कुछ बुनियादी सुधार किए जाएं. इनमें सही मतदाता सूची तैयार करना प्रमुख सुधारों में से एक होगा. हालांकि, यदि सभी चुनावी सुधारों को लागू किया जाता है तो चुनाव में देरी हो सकती है.

शेख हसीना की होगी वतन वापसी?

शेख हसीना, जो पिछले वर्षों से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री थीं, इस समय भारत में शरण लिए हुए हैं. अगस्त में छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के बाद जब हिंसा चरम पर पहुंची, तब शेख हसीना को अपना पद छोड़कर देश से बाहर भागना पड़ा. अब जब चुनावों की तारीख तय हो रही है, तो यह सवाल उठता है कि क्या हसीना अपने समर्थकों के साथ वापस लौटेंगी और क्या उनका राजनीतिक पुनः उभार संभव होगा?

शेख हसीना के समर्थक उम्मीद कर रहे हैं कि चुनाव में उनकी पार्टी पुनः सत्ता में आ सकती है. हालांकि, देश में राजनीतिक अस्थिरता और विरोधी दलों की सक्रियता के कारण उनकी वापसी को लेकर कई अनिश्चितताएं बनी हुई हैं. कुछ विश्लेषक मानते हैं कि चुनाव के बाद हसीना की राजनीति में वापसी होने की संभावना बहुत अधिक हो सकती है, खासकर यदि चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से होते हैं.

क्या बांग्लादेश में लोकतंत्र लौटेगा?

बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली की प्रक्रिया कई चुनौतियों से जूझ रही है. राजनीतिक दलों के बीच विवाद, चुनावी धांधली के आरोप और सत्ता की निरंतरता की राजनीति ने देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित किया है. अब मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में चुनावी सुधारों पर जोर दिया जा रहा है, जो यह संकेत देता है कि बांग्लादेश में लोकतंत्र की वापसी की संभावना है, लेकिन यह पूरी तरह से राजनीतिक पार्टियों की सहमति और उनकी इच्छा पर निर्भर करेगा.

बांग्लादेश के आगामी आम चुनावों पर नजरें टिकी हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या 2025 या 2026 में होने वाले चुनावों के बाद देश में एक मजबूत और निष्पक्ष लोकतंत्र की स्थापना होती है. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में चुनावी सुधारों का रास्ता खोला गया है, लेकिन इस प्रक्रिया में कई और राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे उभर सकते हैं. बांग्लादेश की जनता को उम्मीद है कि जल्द ही देश में शांति और लोकतंत्र की वापसी होगी, और यह चुनाव लोकतांत्रिक मूल्यों की ओर एक सकारात्मक कदम साबित होगा.