मोहम्मद युनुस बने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख, PM मोदी ने दी बधाई
Muhammad Yunus: नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनुस ने बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख की शपथ ले ली है. शपथ ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि मैं संविधान का समर्थन और सरंक्षण करूंगा. बांग्लादेश के नए नेता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई संदेश भेजा है.
Muhammad Yunus: नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने गुरुवार शाम शपथ दिलाई. यह शपथ ग्रहण शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के गिरने के तीन दिन बाद हुई है. हसीना के नेतृत्व वाली सरकार छात्रों के नेतृत्व में हुए आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के कारण गिर गई थी, जिस कारण उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था. शपथ ग्रहण समारोह में बोलते हुए यूनुस ने कहा कि मैं संविधान का समर्थन और संरक्षण करूंगा तथा अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करूंगा.
अंतरिम सरकार का प्रमुख बनने पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी है. पीएम मोदी ने अपने बधाई संदेश में कहा कि पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि हम उम्मीद करते हैं कि स्थिति जल्द सामान्य हो जाएगी और हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. भारत शांति, सुरक्षा और विकास के लिए दोनों देशों के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.
कार्यवाहक प्रशासन में यूनुस को 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी. भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दो प्रमुख चेहरों को भी अंतरिम सरकार में जगह मिली है. इनका नाम आसिफ महमूद और नाहिद इस्लाम है.
कैबिनेट में किसे मिली जगह?
सैयदा रिजवाना हसन, फरीदा अख्तर, आदिलुर रहमान खान, एएफएम खालिद हुसैन, नूरजहाँ बेगम, शर्मीन मुर्शिद, फारुक-ए-आज़म, नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद, सालेहुद्दीन अहमद, प्रोफेसर आसिफ नजरूल, हसन आरिफ, ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन, सुप्रदीप चकमा, प्रो. बिधान रंजन रॉय, तौहीद हुसैन के अलावा तीन और सदस्यों को भी अंतरिम सरकार की कैबिनेट में शामिल किया गया है.
प्रेसिडेंट हाउस में ली शपथ
अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण समारोह राजधानी ढ़ाका के बंगभवन में आयोजित किया गया. यह बांग्लादेश के राष्ट्रपति निवास और मुख्य कार्यस्थल है. व्यापक जन विद्रोह के बाद मुल्क की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ दिया था. देश छोड़ने के बाद उन्होंने भारत आने का फैसला किया. फिलहाल वह अभी भारत में हैं.