Most haunted Ship of History: अंध महासागर की गहराइयों में, एक जहाज की कहानी सदियों से सुनाई देती है, जिसे 'ऑक्टेवियस' के नाम से जाना जाता है. यह जहाज न सिर्फ अपने आलीशान ढांचे के लिए मशहूर था, बल्कि इसके आसपास के रहस्य और भयावह घटनाओं के लिए भी कुख्यात है.
17वीं सदी में बनाया गया, ऑक्टेवियस एक स्पेनिश गैलियोन था जिसे खजाने से लदे हुए सामानों को स्पेन लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. कहा जाता है कि अपनी आखिरी यात्रा पर, जहाज अचानक एक भयंकर तूफान में फंस गया था. तूफान इतना विकराल था कि जहाज को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया और चालक दल के सभी लोग मारे गए.
हालांकि, कुछ ही समय बाद, ऑक्टेवियस को बिल्कुल सुरक्षित, क्षतिग्रस्त पाये जाने की सूचना मिली. लेकिन जहाज पर सन्नाटा था. चालक दल का कोई भी सदस्य नहीं मिला. जहाज के अंदरूनी हिस्से में अजीबोगरीब हरकतें और भयानक चीखें सुनाई देने की कहानियां सामने आईं. कुछ का कहना था कि वे मृत चालक दल के भूतों को जहाज पर घूमते हुए देखते हैं.
अफवाहें इतनी तेजी से फैलीं कि जहाज को भूतिया मान लिया गया और कोई भी उसके पास जाने की हिम्मत नहीं करता था. हालांकि, खजाने की लालच कुछ लोगों को अपनी ओर खींचती रही. कुछ साहसी लोग जहाज पर चढ़ने की कोशिश करते, लेकिन जल्द ही वापस लौट आते - या तो पागल हो जाते या फिर कभी वापस नहीं आते थे.
ऑक्टेवियस के अचानक गायब होने और फिर से सुरक्षित रूप से लौटने को लेकर कई सिद्धांत हैं. कुछ का मानना है कि जहाज किसी अज्ञात धारा या भँवर में फंस गया था, जिसने इसे एक अलग आयाम में ले जाया गया और फिर वापस ला दिया. दूसरों का दावा है कि जहाज समुद्री डाकुओं द्वारा हाईजैक कर लिया गया था, जिन्होंने चालक दल को मार डाला और खजाने को चुरा लिया. लेकिन अगर ऐसा है, तो खजाना कहां गया? इसे कभी बरामद नहीं किया गया.
ऑक्टेवियस के आसपास की भयावह घटनाओं ने इसे और भी कुख्यात बना दिया है. जहाज के पास जाने वाले जहाजों के कथित रूप से विकृत हो जाने या अचानक गायब हो जाने की कहानियां हैं. कुछ मछुआरों का दावा है कि उन्होंने भूत चालक दल को जहाज पर भटकते हुए देखा है, या अमानवीय चीखें सुनी हैं. इन कहानियों ने इस धारणा को बल दिया है कि ऑक्टेवियस एक अभिशप्त जहाज है, जो हमेशा के लिए अतुलनीय पीड़ा झेलने वाले मृतकों की आत्माओं से ग्रस्त है.
ऑक्टेवियस का अंतिम भाग्य अज्ञात है. कुछ का मानना है कि यह जहाज अभी भी महासागरों में घूमता है, खोया हुआ और भटकता हुआ, अपने भयानक रहस्यों को समेटे हुए. दूसरों का दावा है कि यह किसी अज्ञात कब्रगाह में समुद्र के तल पर सड़ रहा है. तब सदियों बाद, एक साहसी समुद्री पुरातत्ववेत्ता, इजाबेला (Izabella), ऑक्टेवियस की कहानी से मोहित हो गई. उसने जहाज के लॉगबुक और किसी भी बचे हुए अवशेषों को खोजने के लिए एक अभियान का नेतृत्व करने का फैसला किया.
आधुनिक तकनीक से लैस होकर, इजाबेला और उसकी टीम आखिरकार अटलांटिक महासागर के एक दूरस्थ इलाके में ऑक्टेवियस का पता लगाने में सफल रहीं. जहाज ज्वालामुखी गतिविधि से क्षतिग्रस्त दिखाई दिया, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से बरकरार था. सावधानी से जहाज पर चढ़ते हुए, टीम को जल्द ही पता चला कि अफवाहें कुछ हद तक सच थीं. हवा में एक अजीब सी ठंडक थी और जहाज के गलियारों से अस्पष्ट फुसफुसाहट सुनाई दे रही थी. लेकिन भूतों के बजाय, उन्हें जहाज के भीतर एक अजीब सी चमक मिली.
यह चमक ज्वालामुखी गतिविधि के कारण जहाज के ढांचे में जमा हुए दुर्लभ खनिजों से निकल रही थी. यह वही चमक थी जिसने जहाज को रात में भूतिया रूप दे दिया था. साथ ही, जहाज के लॉगबुक से पता चला कि चालक दल ज्वालामुखी विस्फोट में फंस गया था, यही कारण है कि उनकी मृत्यु हुई और जहाज क्षतिग्रस्त हो गया.
इजाबेला और उसकी टीम ने जहाज के लॉगबुक और खनिजों के कुछ नमूनों को बरामद किया. इस खोज ने ऑक्टेवियस के भूत के मिथक को तोड़ दिया और जहाज के गायब होने और फिर से प्रकट होने के पीछे के वास्तविक कारणों को उजागर किया. हालांकि, ऑक्टेवियस की कहानी समुद्री इतिहास का एक स्थायी हिस्सा बनी हुई है.