न्यूयॉर्क में खालिस्तान समर्थकों द्वारा एक बार फिर विवादित प्रदर्शन किया गया. इस बार प्रदर्शन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले को सलाखों में बंद दिखाकर विरोध जताया गया. यह घटना "किसान हुल खालिस्तान" रैली के दौरान हुई, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया.
खालिस्तान समर्थकों का प्रदर्शन
🚨 ‘Kissan Hul Khalistan’ Rally in New York: Modi’s effigy was the main attraction of the rally, with people taking pictures of it. There was a heavy police presence at the Indian Consulate.”
— Gurmehar Singh (@GurmeharS998) December 14, 2024
Next Referendum in Los Angeles , California 🇺🇲 on 23 March , 2025 pic.twitter.com/CL0Ci7SSPW
अमेरिकी प्रशासन की भूमिका पर सवाल
प्रदर्शन के दौरान भारी पुलिस सुरक्षा तैनात थी, जिससे स्थिति नियंत्रण में रही. हालांकि, इस घटना ने अमेरिकी प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं. आलोचकों का कहना है कि अमेरिकी प्रशासन द्वारा ऐसे चरमपंथी तत्वों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर अनुमति देना भारत-अमेरिका संबंधों के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
खालिस्तानी गतिविधियों का बढ़ता खतरा
पिछले कुछ वर्षों में खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बढ़ी हैं. कनाडा, ब्रिटेन, और अमेरिका में आयोजित ऐसे प्रदर्शनों ने भारत की सरकार और विदेश मंत्रालय की चिंता बढ़ा दी है. भारत ने पहले भी इन देशों से इस प्रकार की गतिविधियों पर सख्त कदम उठाने की अपील की है. हालांकि भारत सरकार की ओर से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.