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Bangladesh: मुजीबुर रहमान के घर पर हमले के बाद अंतरिम सरकार ने कस लिया शिकंजा

बांग्लादेश में शेख मुजीबुर रहमान और अवामी लीग के नेताओं के घरों पर हुए हमले के बाद मोहम्मद यूनुस की सरकार ने बेशर्म बयान दिया है. मोहम्मद यूनुस के प्रेस विंग ने कहा है कि ये हमले अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयानों के कारण भड़के हैं. बाद में आलोचना होने पर दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई.

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बांग्लादेश में हिंसा की लहर: बांग्लादेश में हिंसा की लहर थमने का नाम नहीं ले रही है. देश के विभिन्न हिस्सों में बुधवार रात से भीड़ हसीना के समर्थकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर तोड़फोड़ कर रही है.

 

अंतरिम सरकार की चेतावनी:

अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि हिंसा के ऐसे कृत्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस ने सभी नागरिकों से 'तुरंत पूर्ण कानून-व्यवस्था बहाल करने तथा यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि हसीना के परिवार और उनके समर्थकों से जुड़ी संपत्तियों पर अब कोई हमला नहीं होगा.

भारत की प्रतिक्रिया:

भारत ने बुधवार को एक बयान में रहमान के आवास को ध्वस्त करने की निंदा करते हुए स्थल को 'वीर प्रतिरोध' का प्रतीक बताया. बयान में कहा गया था, 'वे सभी लोग जो बांग्ला पहचान और गौरव को पोषित करने वाले स्वतंत्रता संग्राम को महत्व देते हैं, वे बांग्लादेश की राष्ट्रीय चेतना के लिए इस निवास के महत्व से अवगत हैं. बर्बरता की इस घटना की कड़ी निंदा की जानी चाहिए.'

हसीना के समर्थकों पर हमले:

देश के विभिन्न हिस्सों में बुधवार रात से भीड़ हसीना के समर्थकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर तोड़फोड़ कर रही है. पूर्व सांसदों, कैबिनेट सदस्यों और हसीना की पार्टी अवामी लीग के नेताओं के कई प्रतिष्ठानों में आग लगा दी गई है.

हसीना के भविष्य को लेकर अनिश्चितता:

हसीना के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. उन्होंने पिछले साल पांच अगस्त को छात्रों के नेतृत्व में हुए आंदोलन के बीच देश छोड़ दिया था, जिसके बाद उनका 15 साल का शासन खत्म हो गया.