भारत ने शुक्रवार (21 मार्च) को कहा कि कनाडा में भारत-विरोधी और अलगाववादी तत्वों को "लाइसेंस" देने के कारण द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट आई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "भारत-कनाडा संबंधों में गिरावट उस लाइसेंस के कारण हुई, जो देश में चरमपंथी और अलगाववादी तत्वों को दिया गया. हमारी आशा है कि हम आपसी विश्वास और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को फिर से मजबूत कर सकेंगे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये टिप्पणी कनाडा में नेतृत्व परिवर्तन के बीच आई है, जहां मार्क कार्नी ने जस्टिन ट्रूडो की जगह प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है. कार्नी ने शपथ लेने से पहले कहा था, "कनाडा अपने व्यापारिक रिश्तों को समान विचारधारा वाले देशों के साथ विविधित करने की कोशिश करेगा. भारत के साथ रिश्तों को फिर से बनाने के अवसर हैं, और अगर मैं प्रधानमंत्री बनता हूं, तो मुझे इस रिश्ते को मजबूत करने का अवसर मिलेगा.
कनाडा में भारत-विरोधी गतिविधियों पर विवाद
भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव तब आया, जब 2023 में ट्रूडो सरकार ने कथित तौर पर भारतीय सरकार के एजेंटों का हाथ हारदीप सिंह निज्जर की हत्या में होने का आरोप लगाया. निज्जर, जो खालिस्तानी आतंकी था, की हत्या कनाडा के सरी, ब्रिटिश कोलंबिया में हुई थी. भारत ने इन आरोपों को लगातार खारिज किया और विदेश मंत्रालय ने कहा, "कनाडा ने हमें इन गंभीर आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया.
दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव
बता दें कि, इस विवाद के बाद, दोनों देशों ने एक-दूसरे के कूटनीतिक कर्मचारियों को वापस बुला लिया. विदेश मंत्रालय ने दिसंबर 2024 में कहा, "इस नुकसान के लिए जिम्मेदार प्रधानमंत्री ट्रूडो अकेले हैं, क्योंकि उन्होंने स्वीकार किया कि उनके पास केवल खुफिया जानकारी थी, लेकिन कोई 'कठोर साक्ष्य' नहीं था, जब उन्होंने भारतीय सरकार के एजेंटों के हाथ होने का आरोप लगाया था.