India USA Relation: भारत ने अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से हर साल जारी होने वाली मानवाधिकार वार्षिक रिपोर्ट को लेकर आपत्ति जताई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने रिपोर्ट को पक्षतापूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि अमेरिका भारत के सामाजित ताने-बाने के बारे में खराब समझ रखता है. अमेरिका द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में मणिपुर हिंसा में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन और जातीय संघर्ष को लेकर प्रकाश डाला गया है.
अमेरिकी मानवाधिकार की वार्षिक रिपोर्ट में मणिपुर हिंसा, अल्पसंख्यक समुदाय, असहमति और पत्रकारों पर हमलों का भी उल्लेख किया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट बेहद पक्षपातपूर्ण है और भारत के बारे में उनकी खराब समझ को दर्शाती है. हम इसे महत्व नहीं देते और आपसे भी इसे तरह की उम्मीद करते हैं.
#WATCH | On the US State Department report on Human Rights, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "This report is deeply biased and reflects a poor understanding of India. We attach no value to it and urge you to do the same." pic.twitter.com/4XIHgnoswP
— ANI (@ANI) April 25, 2024
रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्र सरकार ने समय रहते जातीय संघर्ष काबू पाने के लिए सुरक्षात्मक उपाय नहीं किए और न ही अल्पसंख्यकों और प्रभावित समुदायों को सुरक्षा प्रदान की. स्थानीय मानवाधिकार समूहों और प्रभावित समुदाय ने केंद्र सरकार के ढीले रवैये की आलोचना की जिस वजह से संघर्ष का दायरा कहीं ज्यादा व्यापक हो गया.
रिपोर्ट में बीबीसी ऑफिस पर रेड के बारे में भी जिक्र किया गया है. पिछले साल बीबीसी ने गुजरात दंगों पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री रिलीज की थी जिस पर सरकार ने अपनी आपातकालीन शक्तियों का प्रयोग कर उसके प्रसारण पर रोक लगा दी थी.