नेपाल में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से कम से कम 112 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 68 लोग लापाता हैं. लापता लोगों की तलाश जारी है. जून से सितंबर तक मानसून के मौसम के दौरान दक्षिण एशिया में वर्षा-संबंधी आपदाएं आम बात हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैंय
नेपाल पुलिस के प्रवक्ता दान बहादुर कार्की ने एएफपी को बताया कि अब तक 112 लोग मारे गए हैं, 36 घायल हैं और 68 लापता हैं. कार्की ने कहा कि बाढ़ और भूस्खलन की 200 से अधिक घटनाएं सामने आई हैं तथा मृतकों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है. राजधानी काठमांडू के आसपास की नदियां उफान पर हैं, जिससे आसपास के घर जलमग्न हो गए हैं. यह डरावना है. मैंने अपने जीवनकाल में ऐसी तबाही पहले कभी नहीं देखी थी.
49 वर्षीय ट्रक ड्राइवर हरि मल्लाह ने एएफपी को बताया कि जब मैं आधी रात को बाहर गया तो पानी मेरे कंधों तक आ गया था. मेरा ट्रक पूरी तरह पानी में डूब गया है. नेपाल के राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता बसंत अधिकारी ने कहा कि अधिकारी बाढ़ से प्रभावित लोगों को बचाने और राहत पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं. बचाव कार्यों में सहायता के लिए हेलीकॉप्टरों और मोटरबोटों के साथ 3,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था.
भूस्खलन के कारण कई राजमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे सैकड़ों यात्री फंस गए हैं. काठमांडू यातायात पुलिस अधिकारी बिश्वराज खड़का ने बताया कि हमारे पास लगभग आठ स्थान हैं वे सभी सड़क के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गए हैं. शुक्रवार शाम से काठमांडू से सभी घरेलू उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे 150 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुईं. इस वर्ष नेपाल में वर्षाजनित आपदाओं में 220 से अधिक लोग मारे गए हैं.