ईद-उल-अजहा उत्सव के बीच सऊदी अरब में बड़ी संख्या में हज यात्रियों की भीड़ उमड़ी है लेकिन ये चिलमिलाती गर्मी हज यात्रियों के लिए चुनौती साबित हो रही है. हज के दौरान तामपान 47 डिग्री से ऊपर तक पहुंच गया है. इससे खासतौर पर बुजुर्गों के लिए मुश्किलें काफी बढ़ गई है.बढ़ती भीषण गर्मी के चलते मक्का में अब तक 14 लोगों की मौत हो गई है.
वहीं करीब 27 सौ लोगों की स्थिति नाजुक बनी हुई है. अधिकारियों ने बताया कि मक्का में भीषण गर्मी पड़ने के कारण इन लोगों की मौत हुई है. ये सभी लोग जॉर्डन के थे.
जॉर्डन की सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने ये जानकारी दी है कि उनके यहां के 14 लोगों की इस यात्रा पर मौत हुई है. इसके अलावा 17 लोग अभी तक लापता हैं. हालांकि इससे पहले मंत्रालय ने बताया था कि हीटस्ट्रोक के कारण 6 लोग मारे गए हैं. लापता 17 लोगों की तलाश जारी है. वहीं मरने वालों के शव को जॉर्डन लाने की भी तैयारी की जा रही है. बता दें कि सऊदी अरब में भारी गर्मी पड़ रही है.
बता दें कि इस साल हज 14 जून से शुरू और 19 जून तक चलेगा. हज के लिए दुनियाभर के लाखों मुसलमान सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का पहुंचे हैं. इस बीच भीषण गर्मी ने सबकी हालत खराब कर रखी है. इस्लाम धर्म में शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम मुसलमानों के लिए हज करना अनिवार्य माना जाता है.
मक्का मदीना में 47 डिग्री पहुंचा तापमान
सऊदी के मौसम विभाग ने बताया कि बीते रविवार को मक्का शहर में काफी गर्मी थी. यहां शहर का पारा 47 डिग्री तक पहुंच गया था. सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्त मोहम्मद अल-अब्दुलाली ने पत्रकारों को बताया कि स्ट्रेस और सनस्ट्रोक के 2,760 मामले सामने आए थे. स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो प्रभावित लोगों की संख्या और बढ़ सकती है. इसलिए अधिक धूप में हाजी जाने से बचें और पानी पीते रहें.
पिछले साल 20 लाख मुसलमान हज के लिए सऊदी अरब पहुंचे थे. इस दौरान 240 लोगों की मौत हुई थी जिसमें अधिकतर इंडोनेशिया से थे. हालांकि, इनकी मौत के पीछे की कोई वजह नहीं बताई गई. सितंबर 2015 में हज के दौरान मची भगदड़ में 717 लोगों की मौत हो गई थी. जिसमें करीब 863 लोग घायल हुए थे. ये हादसा मक्का शहर से 6 किलोमीटर दूर मीना शहर में 'शैतान को कंकड़' मारने की धार्मिक प्रथा के दौरान हुई थी.