India Maldives Ties: भारत के साथ संबंधों में तनातनी के बीच मालदीव ने रविवार को तुर्किये से अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र की तैनाती के लिए ड्रोन की हासिल किए हैं. मालदीव की समाचार आउटलेट एडीशन एमवी की रिपोर्ट के अनुसार, द्वीपीय देश ने अपनी समुद्री सुरक्षा की निगरानी के लिए नूनू एटॉल मफारू में एक ड्रोन बेस बनाने का काम शुरु कर दिया है. तुर्किये से लाए गए सैन्य ड्रोन को यहीं से संचालित किया जाएगा.
मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू अपनी पहली विदेश यात्रा पर तुर्किये गए थे. यात्रा के दौरान उन्होंने अंकारा के सैन्य संसाधनों का जायजा लिया था. इस दौरान माले ने एक तुर्किश कंपनी के साथ सैन्य ड्रोन बनाने का समझौता कर लिया था.
रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव सरकार की ओर से इस समझौते का आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं किया गया. कहा जा रहा है कि तुर्किये की कंपनी बायकर के टीबी 2 ड्रोन और ड्रोन के लिए जरूरी उपकरण मालदीव पहुंचाए गए हैं. समझौते के तहत ड्रोन की संख्या कितनी है यह अभी स्पष्ट नहीं है. अधिकारी ने कहा कि सरकार अगले हफ्ते के भीतर ही ड्रोन का संचालन शुरु करने को लेकर काम कर रही है.
बीजिंग समर्थक मुइज्जू ने चीन से लौटते ही तुर्किये से निगरानी ड्रोन खरीदी पर हामी भर दी थी. उन्होंने कहा था कि सरकार इन्हें हासिल करने पर विचार कर रही है. समाचार पोर्टल अधाधु ने बताया कि इस साल राष्ट्रपति कार्यालय ने आयात शुल्क में संशोधन किया है. इसके तहत राष्ट्रपति सुरक्षा संबंधी प्रोजेक्ट पर आयात शुल्क में कमी या बढ़ोत्तरी कर सकते हैं.
यह घटनाक्रम मालदीव में भारतीय सैनिकों की वापसी से पहले हुआ है. द्वीपीय देश से भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए 10 मार्च की समयसीमा तय की गई थी. इस हफ्ते की शुरुआत में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा था कि 10 मई के बाद माले में कोई भारतीय सैनिक नहीं दिखेगा, नागरिक कपड़ों में भी नहीं.