India Maldives Relation: इंडिया आउट का नारा देने वाले मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन के दौरे पर जाने वाले हैं. यह जानकारी चीन के विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी करके दी है.
प्रेस रिलीज के मुताबिक, मुइज्जू 8-12 जनवरी तक चीन के राजकीय दौरा करने वाले हैं. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बुलावे पर वे चीन आ रहे हैं.
मुइज्जू के चीन दौरे ने भारत के सामने चिंता की लकीरें खींच दी हैं. यह लकीरें तब और भी अहम हो जाती हैं जब मालदीव दशकों से कायम भारत -मालदीव संबंधों की परिपाटी को बदलने की चाह रख रहा हो.
चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने हाल ही में मालदीव के आठवें राष्ट्रपति पद के रूप में शपथ ली है. सितंबर माह में आयोजित चुनावों में उन्होंने भारत समर्थक इब्राहिम मोहम्मद सालेह को हरा दिया था.
आपको बता दें कि मालदीव में दशकों से यह राजनीतिक परंपरा रही है कि उनका नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अपना पहला विदेश दौरा भारत का करता है. इसके पीछे की वजह भारत और मालदीव के द्विपक्षीय रिश्तों का मजबूत और सौहार्दपूर्ण होना रहा है. मुइज्जू ने इस परंपरा को तोड़ते हुए चीन जाने का फैसला किया है. चीन ने हाल के वर्षों में इस द्वीपीय देश के विकास में भारी निवेश किया है और अपना प्रभाव बढ़ा लिया है.
रिपोर्ट के अनुसार, मुइज्जू का यह पहला चीन दौरा नहीं होगा. वे इससे पहले तुर्किये की यात्रा कर चुके हैं. कॉप 28 में भाग लेने दुबई पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वे मुलाकात कर चुके हैं. इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को लेकर वार्ता की थी. इस दौरान दोनों नेता रिश्तों को मजबूत करने के लिए एक कोर समूह बनाने पर सहमत हुए थे.
भारत और मालदीव के बीच सैनिकों की वापसी को लेकर विवाद कायम है. मुइज्जू सत्ता में आने से पहले ही भारतीय सैनिकों की मालदीव से वापसी का मुद्दा उठाते रहे हैं. उन्होंने इसलिए इंडिया आउट का नारा दिया और चुनावी कैंपेन में इसका भरपूर लाभ उठाया.
राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने कई बार इस मुद्दे को उठाया है. उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि वो मालदीव में मौजूद 77 भारतीय सैनिकों को वापस बुला ले. मुइज्जू ने भारत के साथ मालदीव के 100 से अधिक द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा करने का भी फैसला किया है.