मोहम्मद मुइज्जू पर भारी पड़ेगी भारत से गद्दारी, या चीनपरस्ती आएगी काम? संसदीय चुनाव में लग जाएगा पता
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत नीति हमेशा सवालों के घेरे में रही है. वे चीन से बेहतर संबंध चाहते हैं और भारत को आए दिन नाराज करते हैं. अगर मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी को जीत मिलती है तो यह भारत के लिए अच्छी खबर होगी. आइए जानते हैं आज के बहुदलीय चुनाव में कैसे आसार बन रहे हैं.
मालदीव में आज (रविवार) मोहम्मद मुइज्जू सरकार की अग्नि परीक्षा है. मोहम्मद मुइज्जू की नीतियों की वजह से भारत और मालदीव के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. मालदीव ने अपने देश से भारतीय सैन्य कर्मियों को भी बाहर निकाल दिया है, पर्यटन को लेकर भी वहां के मंत्री विवादित बयान देते रहे हैं. ऐसे में आज मुहर लग जाएगी कि वहां की आम जनता भी क्या भारत के खिलाफ है, या चीनपरस्त मुइज्जू ही केवल ऐसे हैं.
भारत उम्मीद कर रहा है कि मालदीव की सत्ता, वहां की मुख्य विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) हासिल कर लेगी. यह पार्टी भारत की समर्थक है. ऐसे में अगर यह सत्ता में आती है तो पटरी से उतरे भारत-मालदीव के रिश्ते, एक बार फिर संभल सकते हैं. मालदीव को भारत से पंगा लेने की वजह से बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है.
चुनाव में किसकी जीत चाहता है भारत?
चुनाव से पहले मालदीवियन डेमेक्रेटिक पार्टी के नेता और पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद, अपनी जीत को लेकर आशान्वित हैं. मालदीव की मौजूदा मुइज्जू प्रशासन पिछले 5 महीनों में घरेलू और विदेशी दोनों नीतियों में विफल रही है. मालदीव के लोग मौजूदा सरकार से नाखुश हैं. भारत के साथ विवादों की वजह से वहां की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है. लोगों का कहना है कि मुइज्जू चीन के वफादार हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों से उनका वास्ता नहीं है.
विवादित रहे हैं मुइज्जू के हर फैसले
मालदीवियन डेमेक्रेटिक पार्टी के नेता अब्दुल्ला शाहिद ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में कहा, 'मुइज्जू झूठ और नफरत फैलाते हैं. उनके कार्यकाल में विकास परियोजनाएं रोक दी गई हैं. कंपनियों में कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है. विपक्ष के लोगों को निलंबित और नौकरी से बाहर किया जा रहा है. राजनीति के हिसाब से सर्विस सेक्टर में फैसले लिए जा रहे हैं.
बर्बादी और भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर है. लोग इस प्रशासन के तहत लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों की गिरावट को देख रहे हैं. हमें विश्वास है कि वे कल अपने वोट में अपनी प्रतिक्रिया दिखाएंगे.' मालदीव में कुल 93 सीटें हैं, जिन पर चुनाव होगा. इनमें विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी का 41 सीटों पर कब्जा है. MDP बहुमत की उम्मीद में है.
इंडिया आउट कैंपेन पर अपनी पीठ ठोक रहे मोइज्जू, क्या जीत भी मिलेगी?
मोहम्मद मुइज्जू अपने चुनावी सभाओं में इंडिया आउट का नारा देते हैं. वे चीन के हमदर्द हैं. मालदीव के लोग इंडिया फर्स्ट की नीति पर अब तक चलते रहे हैं, मुइज्जू एक दिन में ही सियासत बदल रहे हैं. उनकी प्राथमिकता है कि कैसे द्वीपीय देश से भारत को बाहर धकेला जाए और चीन के हाथ में देश की बागडोर सौंपी जाए. अब देखने वाली बात यह है कि वहां की आम जनता, किसका साथ देती है.