सूडान में बड़ा सत्ता परिवर्तन, सेना ने 2 साल बाद राष्ट्रपति भवन पर किया कब्जा
Sudan Army: सूडान में दो साल से जारी गृहयुद्ध के बीच सेना को बड़ी सफलता मिली है. उसने दावा किया कि उसने खार्तूम में अपने मजबूत सैनिक बलों के गढ़ पर कब्जा कर लिया है.
Khartoum: दो साल तक चले भीषण युद्ध के बाद सूडानी सेना ने राजधानी खार्तूम के राष्ट्रपति भवन (रिपब्लिकन पैलेस) पर फिर से कब्जा कर लिया है. इसके अलावा, सेना ने कई अन्य मंत्रालयों पर भी नियंत्रण स्थापित कर लिया है. इस जीत को रणनीतिक और प्रतीकात्मक दोनों रूपों में अहम माना जा रहा है. हालांकि, इस संघर्ष से सूडान में राजनीतिक अस्थिरता और गहरा सकती है.
सैनिकों ने मनाया जीत का जश्न
राष्ट्रपति भवन पर कब्जे के बाद, सैनिकों ने रमजान के 21वें दिन का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किए.
- सैनिकों को असॉल्ट राइफलों और रॉकेट लॉन्चरों के साथ जश्न मनाते देखा गया.
- 'ईश्वर सबसे महान है!' के नारे लगाए गए.
- महल के अंदर के दृश्य खंडहर में तब्दील इमारत और टूटी हुई टाइलों को दर्शा रहे थे.
सूडान के सूचना मंत्री खालिद अल-ऐसर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''आज झंडा फहराया गया है, महल वापस आ गया है और जीत पूरी होने तक यह यात्रा जारी रहेगी.''
युद्ध का टर्निंग पॉइंट?
नील नदी के किनारे स्थित रिपब्लिकन पैलेस सूडानी सरकार की केंद्रीय शक्ति का प्रतीक रहा है.
- 2023 में युद्ध शुरू होने के बाद, यह रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के नियंत्रण में था.
- इस जीत के बाद, सेना प्रमुख जनरल अब्देल-फतह बुरहान की सेना को रणनीतिक बढ़त मिल सकती है.
- हालांकि, खार्तूम में अब भी छिटपुट गोलीबारी की आवाजें सुनी जा रही हैं, जिससे यह स्पष्ट नहीं कि यह जश्न का हिस्सा है या संघर्ष जारी है.
RSF ने किया पलटवार, लड़ाई जारी
बता दें कि RSF ने इस हार को आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया है, लेकिन इसने सूडान के अन्य हिस्सों में अपनी पकड़ बनाए रखने का दावा किया है.
- गुरुवार को RSF ने उत्तरी दारफुर के अल-मलीहा शहर पर कब्जे का दावा किया.
- सूडानी सेना ने शहर के आसपास लड़ाई की पुष्टि की, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि शहर उनके नियंत्रण में है या नहीं.
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इस युद्ध ने अब तक 28,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है और लाखों लोग बेघर हो गए हैं.
सूडान में सालों से चल रहा है संघर्ष
सूडान ने 2019 में उमर अल-बशीर को हटाने के बाद से लगातार अराजकता का सामना किया है.
- 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद, जनरल बुरहान और RSF नेता जनरल मोहम्मद हमदान डागालो के बीच सत्ता संघर्ष तेज हो गया.
- 2023 में युद्ध छिड़ने के बाद, सूडानी सेना और RSF ने कई क्षेत्रों पर कब्जे के लिए संघर्ष किया.
- इस संघर्ष में मानवाधिकार हनन के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसमें नरसंहार, लूटपाट और जातीय हिंसा शामिल है.
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