समुद्र की गहराई में मिला 120 हजार साल पुराना खोया शहर, वैज्ञानिकों के भी छूटे पसीने! यही से खुलेगा मंगल गृह का रास्ता?

महासागर हमेशा से ही एक डरावने और समझ से परे रहे हैं. हाल ही में अटलांटिक महासागर की गहराई में 120 हजार साल पुराना खोया हुआ शहर मिला है. इस खोज ने एक बार फिर वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है. समुद्र की गहराई में टावर, खंभे और ऐसे कई चौंकाने वाले सबूत मिले हैं. 

Imran Khan claims
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Lost City Under Atlantic Ocean: महासागर हमेशा से ही सबसे डरावनी अनदेखी जगह रहे हैं, जो इंसान की समझ से परे हैं. हाल ही में अटलांटिक महासागर की गहराई में 120 हजार साल पुराना खोया हुआ शहर मिला है. इस खोज ने एक बार फिर वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है और वे यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि सूरज की रोशनी के बिना भी कोई शहर कैसे पनप सकता है. समुद्र की गहराई में टावर, खंभे और ऐसे कई चौंकाने वाले सबूत मिले हैं. 

अटलांटिक महासागर के नीचे, एक गुप्त दुनिया है जिसे 'खोया हुआ शहर' के रूप में जाना जाता है. 2000 में खोजे गए इस पानी के नीचे के चमत्कार में विशाल शिखर और विशाल मोनोलिथ हैं जो 60 मीटर से ज्यादा ऊंचे हैं, जो हमारे ग्रह पर किसी भी चीज से अलग एक विदेशी नजारा बनाते हैं. लेकिन यह केवल हैरान कर देने वाली चट्टानें नहीं हैं.यह वह जीवन है जो इसमें निवास करता है. 

अटलांटिक महासागर के नीचे मिला शहर

बिना रोशनी वाली इस जगह में, घोंघे, क्रस्टेशियन और यहां तक ​​कि केकड़े और झींगा जैसे अनोखे जानवर पानी के नीचे के वेंट से निकलने वाले रसायनों को खाकर अपना जीवन यापन करते हैं. वेंट हाइड्रोजन, मीथेन और दूसरी गैसों का उत्सर्जन करते हैं, जो एक स्पेशल वातावरण बनाते हैं जो बिना ऑक्सीजन के रह सकते हैं. यह खोज हमें इस बात की एक झलक देती है कि पृथ्वी पर जीवन कहां से शुरू हुआ होगा और यहां तक कि दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावना का भी सुझाव देता है.

लॉस्ट सिटी को देख वैज्ञानिकों ने पकड़ा माथा

लॉस्ट सिटी के हालात वैज्ञानिकों को भी हैरान कर रही है. पृथ्वी पर अधिकांश जीवन रूपों की तरह, सूरज की रोशनी या कार्बन डाइऑक्साइड पर निर्भर होने के बजाय, यह समुद्र तल पर कैमिकल रिएक्शन से चल रहा है. जीवन को बनाए रखने का यह अजीब तरीका हमें यह समझने का एक तरीका प्रदान करता है कि लाखों-करोड़ों साल पहले पृथ्वी पर जीवन कैसे शुरू हुआ होगा. 

इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि वैज्ञानिकों को लगता है कि यूरोपा और एनसेलेडस जैसे चंद्रमाओं या यहां तक कि मंगल ग्रह पर भी अतीत में इसी तरह के पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद हो सकते हैं. लेकिन लॉस्ट सिटी में एक बढ़ती हुई समस्या है.

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