Lakshadweep-Maldives: भारत और मालदीव के बीच चल रहे विवाद के बीच चीन को मिर्ची लगी है. उसने भारत के खिलाफ जहर उगला है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा - भारत को लगता है कि उसके आसपास उसका प्रभाव बने रहे. मालदीव जैसे देश भारत के हिसाब से चले. चीन इन सबसे दूर रहे. चीन ने आगे लिखा कि भारत को यह भी सोचना चाहिए कि एशिया में चीन को वह नजरअंदाज नहीं कर सकता.
"चीन को दोष देना गलत"
ग्लोबल टाइम्स के जरिए चीन ने कहा कि भारत मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन समर्थक बताना भारत के आत्मविश्वास की कमी को दर्शा रहा है. भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ चल रहे तनावपूर्ण संबंधों के लिए चीन को दोष देता है जो उसे नहीं करना चाहिए.
दिल बड़ा करे भारत
चीन के सरकारी अखबार ने लिखा कि भारत को खुले दिमाग से सोचना चाहिए उसे अपना दिल बड़ा करना चाहिए और उदारवादी सोच रखनी चाहिए. उसे लगता है कि मालदीव और अन्य पड़ोसी उसके हिसाब से चलें लेकिन चीन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
कैसे शुरू हुआ लक्षद्वीप-मालदीव विवाद
पीएम मोदी की हालिया लक्षद्वीप यात्रा के बाद जब बीते 4 जनवरी को उन्होंने सोशल मडिया पर लक्षद्वीप की प्राकृतिक सुंदरता की तस्वीरें साझा करते हुए लोगों को लक्षद्वीप घूमने के लिए कहा तो उसके बाद सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप ट्रेंड करने लगा. ये बात मालदीव के कुछ नेताओं को रास नहीं और उन्होंने पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर टिप्पणी कर दी, जिसके बाद मामले ने और तूल पकड़ी. आलम ये हुआ की मालदीव सरकार ने उन तीन नेताओं को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया जिन्होंने भारत को लेकर टिप्पणी की थी. वहीं, लक्षद्वीप गूगल पर पिछले 20 सालों में सबसे ज्यादा बार इस साल सर्च किया गया.