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India Daily

अब नॉनवेज खाने के लिए मुर्गा काटने की जरूरत नहीं! ब्रिटेन के बाजार में पहली बार लॉन्च हुआ 'लैब' में बना चिकन

लैब में तैयार किए गए चिकन का पूरा बैच मात्र एक अंडे से तैयार किया गया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे हम अंतहीन चिकन का उत्पादन करने में सक्षम होंगे.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Lab grown chicken launched in UK market for first time for sale

मीट खाने वालों और शाकाहार की वकालत करने वालों, दोनों के लिए एक बढ़िया खबर है. दुनिया में पहली बार ब्रिटेन के बाजारों में लैब में बना चिकन मीट बिकने के लिए उतार दिया गया है. निर्माताओं का कहना है कि पहली बार किसी देश में लैब में बना चिकन बिक्री के लिए लॉन्च किया गया है. दावा किया जा रहा है कि यह मीट पारंपरिक खेती या जानवरों या मुर्गों को मारकर मिलने वाले मीट जितना ही स्वादिष्ट और पौष्टिक होगा.

ग्राहकों को करना होगा थोड़ा इंतजार

हालांकि अभी यह चिकन सीमित मात्रा में उपलब्ध है. दुनियाभर के सभी चिकेन लवर्स को इसका स्वाद लेने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा.

'चिक बाइट्स' नाम से उत्पाद लॉन्च

'चिक बाइट्स' नाम का यह उत्पाद हाल ही में लंदन के एक 'पेट्स एट होम' स्टोर में पेश किया गया है. इसमें पादप-आधारित सामग्री और प्रयोगशाला में उगाए गए चिकन का मिश्रण शामिल है.

एक अंडे से बना चिकन

उगाए गए चिकन का पूरा बैच एक अंडे के नमूने से विकसित किया गया था, एक ऐसी प्रक्रिया जो सैद्धांतिक रूप से वैज्ञानिकों को मांस की अंतहीन आपूर्ति का उत्पादन करने में सक्षम बनाती है.

क्या होगा स्वास्थ्य पर असर

इस सिंथेटिक पोल्ट्री के पीछे की कंपनी मीटली अपने उत्पाद के स्वास्थ्य लाभों पर जोर देती है. उनका दावा है कि इसमें पारंपरिक चिकन में पाए जाने वाले सभी आवश्यक अमीनो एसिड, फैटी एसिड, विटामिन और खनिज शामिल हैं और इसका पर्यावरण पर भी कोई नकारात्मक असर नहीं होगा.

क्या बोले कंपनी के सीईओ

इस ऐतिहासिक खोज पर उत्साह व्यक्त करते हुए, मीटली के सीईओ ओवेन एन्सर ने कहा, "सिर्फ दो साल पहले यह एक असंभव सा काम लगता था. आज हम उड़ान भर रहे हैं. यह एक महत्वपूर्ण बाजार की ओर एक विशाल छलांग है, जो मांस स्वस्थ, टिकाऊ और हमारे ग्रह और अन्य जानवरों के प्रति दयालु है."

अन्य देशों में उत्साह

जबकि यूरोप ने लैब में उगाए गए मांस के प्रति सावधानी बरती है, अन्य क्षेत्रों ने इस अवधारणा के प्रति अधिक उत्साह दिखाया है. 2013 में पहला पूरी तरह से संवर्धित हैमबर्गर विकसित किया गया था, जो खाद्य प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था. तब से, इजरायली कंपनी सुपरमीट ने कई लैब-टू-फोर्क रेस्तरां खोलकर इस प्रवृत्ति का बीड़ा उठाया है, जो उपभोक्ताओं को इस अभिनव खाद्य समाधान का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करते हैं.