पेरिस में मोनालिसा की पेटिंग पर क्यों फेंका गया सूप, जानें क्या है राइट टू हेल्दी फूड
फ्रांस की राजधानी पेरिस में लगातार किसानों से जुड़े मुद्दों पर बहस छिड़ती जा रही है. अचानक ये मामला पेरिस से निकलकर वैश्विक स्तर तक पहुंच गया है. दरअसल, कुछ लड़कियों ने मोनालिसा की पेंटिंग पर सूप फेंक दिया, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है. कहा जा रहा है कि लड़कियों ने राइट टू हेल्दी फूड को लेकर मोनालिसा की पेटिंग पर सूप फेंककर अपना विरोध जताया. दोनों लड़कियों को एक्टिविस्ट बताया जा रहा है.
know about Right To Healthy Food: फ्रांस की राजधानी पेरिस का एक मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दो लड़कियां दिख रहीं हैं. दोनों लड़कियां क्लाइमेट एक्टिविस्ट बताई जा रहीं हैं. कहा जा रहा है कि लोगों को हेल्दी खाना नहीं मिल पा रहा है, जिसे लेकर लड़कियों ने विरोध जताते हुए पेरिस के लौवर म्यूजियम में लगी मोनालिसा की पेंटिग पर सूप फेंककर अपना विरोध जताया है. लड़कियों के अनोखे विरोध का तरीका वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
वायरल वीडियो के मुताबिक, दोनों लड़कियों ने विरोध जताते हुए कुछ सवाल उठाए और दोनों ने टिकाऊ फूड सिस्टम की मांग करते हुए नारेबाजी भी की. लड़कियों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान पूछा कि आम लोगों के लिए क्या जरूरी है? हमारे किसानों की हालत खराब है, खेती उस तरीके से नहीं हो रही, जैसी होनी चाहिए, लेकिन किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि एक वेबसाइट ने कहा है कि फअरांस की सरकार लगातार क्लाइमेंट चेंज को लेकर किए गए वादों को तोड़ रही है.
बता दें कि फूड रिपोस्टे ग्रुप नाम की वेबसाइट पर मांग की गई है कि फ्रांस की सरकार यहां के लोगों को हेल्दी खाना मुहैया कराए. साथ ही ऐसी व्यवस्था करे, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके. बता दें कि किसानों से जुड़े मुद्दों और लोगों के लिए हेल्दी फूड की मांग को लेकर फूड काउंटरअटैक ग्रुप की दोनों सदस्य लड़कियां रविवार को लौवर म्यूजियम (louvre museum) पहुंचीं. दोनों ने सिक्योरिटी की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए उस जगह पहुंचीं, जहां मोनालिसा की बेशकीमती पेटिंग लगी है. बता दें कि मोनालिसा की पेंटिंग बुलेट प्रूफ ग्लास से कवर करके रखी गई है
राइट टू हेल्दी फूड क्या है, विस्तार से समझिए
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि सभी के लिए हेल्दी फूड का अधिकार. दरअसल, ये सिर्फ फ्रांस तक ही सीमित नहीं है. इससे पहले भी सभी के लिए खाने के अधिकार को लेकर दुनिया के कई देशों में कैंपेन चलते रहे हैं. अभियान के मुताबिक, सभी लोगों को खाना मिले, ये तो जरूरी है ही, साथ ही खाना हेल्दी हो, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो. दरअसल, पिछले कुछ सालों से क्लाइमेंट में चेंज आने से खेती किसानी पर फर्क पड़ा है, जिससे हेल्दी फूड मिलना मुश्किल होता जा रहा है.
जलवायु परिवर्तन के कारण रसायनिक खाद का यूज कर खेती की जा रही है, जो हेल्थ के लिए सही नहीं है. इस पूरे मामले को लेकर अलग-अलग संगठन अलग-अलग देश में विरोध प्रदर्शन करते रहते हैं. विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों का कहना है कि वहां की सरकार का काम है कि किसी भी हाल में जनता को हेल्दी फूड मुहैया कराया जाए.