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Kim Jong un Visit Russia: पुतिन बोले- उत्तर कोरिया के साथ सैन्य सहयोग संभव, अमेरिका चिंतित

Russia North korea Relation: उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग रूस की यात्रा के बाद अपनी स्पेशल ट्रेन से अपने मुल्क के लिए रवाना हो गए हैं.

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Edited By: Shubhank Agnihotri
Kim Jong un Visit Russia: पुतिन बोले- उत्तर कोरिया के साथ सैन्य सहयोग संभव, अमेरिका चिंतित

 

Kim Jong un Visit Russia: उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग उन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन से मुलाकात की है. रूस के सरकारी मीडिया के अनुसार, रूस के वास्तोचनी स्पेस सेंटर में हुई मुलाकात के बाद किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया के लिए अपनी ट्रेन पकड़ ली है. दोनों नेताओं की वार्ता के बाद पुतिन ने संकेत दिए हैं कि दोनों देशों ने सैन्य सहयोग को लेकर वार्ता की है. रिपोर्ट के मुताबिक,यह भी कहा जा रहा है कि रूस उत्तर कोरिया को सैटेलाइट बनाने में सहयोग करेगा. दोनों देशों ने अमेरिका के उस दावे को खारिज कर दिया कि तानाशाह की रूसी यात्रा के दौरान दोनों देश सैन्य हथियारों को लेकर समझौता कर सकते हैं. लेकिन पुतिन के उत्तर कोरिया को सैन्य मदद के संकेत ने अमेरिकी चिंताओं को फिर से बढ़ा दिया है.


अपनी संप्रभुता के लिए रूस लड़ रहा है पवित्र युद्ध

पुतिन से दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधो के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नए दोस्तों के बजाए पुराना दोस्त कहीं ज्यादा बेहतर होता है. पुतिन ने कहा कि हम उत्तर कोरिया को सैटेलाइट बनाने में मदद करेंगे.उत्तर कोरिया इस साल दो बार स्पाई सैटेलाइट बनाने की असफल कोशिश कर चुका है. उत्तर कोरिया निगरानी के लिए इस तरह के सैटेलाइट होने की प्रतिबद्धता को कई बार दोहरा चुका है. दोनों नेताओं की बैठक के दौरान किम रूस-यूक्रेन युद्ध पर पुतिन का साथ देते देखे गए. किम ने कहा कि रूस अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के लिए एक पवित्र युद्ध लड़ रहा है.हम एक साथ ऐसे साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ाई करना जारी रखेंगे.

 

उत्तर कोरिया ने मांगी मदद 

दोनों देशों की बैठक में उत्तर कोरिया नेता ने रूस से सैटेलाइट बनाने में सहयोग के अलावा अपने देश को खाद्य सुरक्षा में सहयोग करने की भी अपील की है. रूस और उत्तर कोरिया के नेता ऐसे वक्त मिल रहे हैं जब दोनों ही देश पश्चिम के सबसे कड़े प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं.दोनों ही मुल्कों के पश्चिमी राष्ट्रों के साथ संबंध बेहद ही निचले स्तर पर हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने 1953 के बाद कोई युद्ध नहीं लड़ा है. इस कारण उसके पास हथियारों का बड़ा जख़ीरा है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि रूस की नजरें उत्तर कोरिया के इसी हथियारों के जखीरे पर है. वहीं जानकार मानते हैं कि उत्तर कोरिया बहुत ज्यादा हथियार रूस को नहीं देना चाहता है.


हमारे लिए सामरिक हित ज्यादा महत्वपूर्ण

मंगलवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था कि दोनों देशों के बीच किसी भी तरह का हथियारों का समझौता यूएन के प्रस्तावों का उल्लंघन होगा. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता है तो हम सख्त कदम उठाने से बिल्कुल नहीं चूकेंगे. क्रेमलिन ने कहा था कि हम पश्चिम के प्रतिबंधों को खास महत्व नहीं देते हैं.
हमारे लिए सामरिक हित कहीं ज्यादा जरूरी है.जानकारों का कहना है कि पुतिन के उत्तर कोरिया के साथ भविष्य में सैन्य सहयोग के संकेत ने अमेरिकी चिंताओं को फिर से जरूर बढ़ा दिया है.

 

 

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