कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के भाषण के दौरान खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे. ट्रूडो खालसा दिवस और सिखों का नव वर्ष कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे. कार्यक्रम में उनके भाषण के दौरान खालिस्तानी नारे लगे. अब इस मामले में भारत ने नारजगी जातते हुए कनाडा के डिप्टी हाई कमिश्नर को विदेश मंत्रालय में तलब किया. एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडाई राजनयिक को मामले में गहरी चिंता और मजबूत विरोध से अवगत कराया गया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री की मौजूदगी में खालिस्तान समर्थक नारे लगाए गए. इस तरह के कार्यक्रम को बेरोक-टोक करने की अनुमति दिया जाना चिंताजनक है. कनाडा में एक बार फिर अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को राजनीतिक जगह दी गई है. उनकी निरंतर अभिव्यक्तियां न केवल भारत-कनाडा संबंधों को प्रभावित करती हैं, बल्कि कनाडा में अपने नागरिकों के नुकसान के लिए हिंसा और आपराधिकता के माहौल को भी बढ़ावा देती हैं.
28 अप्रैल रविवार को जस्टिन ट्रूडो टोरंटो में खालसा दिवस समारोह में शामिल हुए. कार्यक्रम के वीडियो में दिखाया गया कि जैसे ही ट्रूडो ने भीड़ को संबोधित करना शुरू किया, खालिस्तान समर्थक नारे लगाए गए. ट्रूडो ने अपने भाषण में सिख समुदाय को आश्वासन दिया कि कनाडाई सरकार हर कीमत पर उनके अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करेगी. कनाडाई प्रधान मंत्री ने कहा कि इस देश भर में सिख विरासत के लगभग 800,000 कनाडाई लोगों के लिए, हम आपके अधिकारों और आपकी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हमेशा मौजूद रहेंगे.
कनाडाई पीएम ने कहा कि हम देश का सुरक्षा ढांचा और मजबूत करेंगे. गुरुद्वारों समेत सभी पूजास्थलों की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है. कोई भी व्यक्ति बिना किसी चिंता के कनाडा में अपने धर्म का पालन कर सकता है. ट्रूडो के अलावा, कंजर्वेटिव नेता पियरे पोइलिवरे, न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत सिंह और टोरंटो मेयर ओलिविया चाउ ने इस कार्यक्रम में शामिल हुए. खालसा दिवस को बैसाखी के नाम से जाना जाता है, यह दिन सिख नव वर्ष के जश्न का प्रतीक है.