लेबनान में एक साथ हजारों पेजर फट गए. इससे 20 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में ज्यादातर हिजबुल्लाह के लड़ाके थे. दुनिया भर में इस बात की चर्चा है कि कैसे और पेजर बनाने वाली कंपनी की सहायता से इजरायल किस तरह ऐसा करने में सक्षम हो सका. इस धमाके में केरल कनेक्शन निकलकर आया है.
वायनाड का एक शख्स जिसने कुछ समय के लिए पादरी के रूप में प्रशिक्षण लिया उसके बाद वह बेहतर अवसरों की तलाश में नॉर्वे चला गया. मंगलवार को लेबनान में हुए सनसनीखेज पेजर विस्फोटों में कथित रूप से उसका हाथ होने की बात सामने आई है. इस विस्फोट में हिजबुल्लाह के लड़ाके मारे गए और 12 लोगों की मौत हो गई, जिनमें आम नागरिक भी शामिल थे और दर्जनों लोग घायल हो गए.
बुल्गारिया के सोफिया में स्थित नॉर्टा ग्लोबल लिमिटेड जिसका कथित तौर पर स्वामित्व वायनाड के रिनसन जोस (37) के पास है, जो अब नॉर्वे का नागरिक है. केरल के कई मीडिया आउटलेट्स ने शुक्रवार को बताया कि रिनसन जोस का जन्म वायनाड में हुआ था और एमबीए पूरा करने के बाद वे नॉर्वे चले गए. परिवार से आखिरी बार 3 दिन पहले बात हुई थी. केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और केरल पुलिस की विशेष शाखा ने शुक्रवार को वायनाड के मनंतावडी के पास स्थित उसके पैतृक गांव ओंडायांगडी से रिनसन के बारे में जानकारी एकत्र की.
वायनाड जिले के पुलिस प्रमुख तपोश बसुमथरी ने कहा कि पुलिस ने कुछ सामान्य जानकारी जुटाई है. उन्होंने कहा कि अब जब परिवार की पहचान और विवरण मीडिया में आ गए हैं, तो पुलिस ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं. हम इलाके में गश्त कर रहे हैं. पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि मूथेथ जोस और ग्रेसी का बेटा रिनसन जो दर्जी का काम करता था, अपने जुड़वां भाई के साथ विदेश गया. वह अब यूके में काम करता है. उसकी बहन आयरलैंड में नर्स है. वह अपनी पत्नी के साथ नॉर्वे में रहता है और आखिरी बार नवंबर 2023 में घर आया था और जनवरी 2024 में लौटा था.
हंगेरियन मीडिया ने बताया कि नॉर्टा ग्लोबल ने पेजर की बिक्री में मदद की थी. हालांकि, बुल्गारिया की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए राज्य एजेंसी ने कहा कि नॉर्टा ग्लोबल और उसके मालिक ने माल की बिक्री या खरीद से जुड़ा कोई लेनदेन नहीं किया है. रॉयटर्स ने गुरुवार को बताया था कि नॉर्टा का बल्गेरियाई मुख्यालय सोफिया के पास एक अपार्टमेंट बिल्डिंग में पंजीकृत था, जो लगभग 200 अन्य कंपनियों का भी घर था, लेकिन नॉर्टा का कोई संकेत नहीं था.
रिनसन के लिंक्डइन पेज के अनुसार, वह नॉर्वे में ओस्लो स्थित डीएन मीडिया ग्रुप में लगभग पांच वर्षों से काम कर रहे हैं और कई ब्रांडों/प्रकाशनों में डिजिटलीकरण, स्वचालन और विकास का नेतृत्व करने में शामिल थे. रिनसन ने 2012 से 2015 तक ओस्लो मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय सामाजिक कल्याण और स्वास्थ्य नीति में मास्टर डिग्री हासिल की थी. प्रोफ़ाइल का यह भी दावा है कि वह सितंबर 2012 से एक वर्ष के लिए नॉर्वे के अंतर्राष्ट्रीय छात्र संघ के महासचिव थे.
ओंडायांगडी में इलाके के निवासियों ने कहा कि वे रिनसन को एक ईमानदार व्यक्ति के रूप में जानते थे, जबकि उसके हैरान परिवार के सदस्यों ने कहा कि उन्हें यकीन था कि वह कुछ भी गलत नहीं करेगा. रिनसन के चाचा, थंकाचन ने कहा कि रिनसन ने ओंडायांगडी स्कूल में पढ़ाई की फिर एक साल के लिए एक सेमिनरी में गया और बाद में वायनाड और बेंगलुरु में अपनी पढ़ाई जारी रखी. उन्होंने उच्च अध्ययन के लिए नॉर्वे जाने से पहले 2010 में बेंगलुरु में एक कॉल सेंटर में काम किया और पांडिचेरी से एमबीए किया. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि रिनसन वहां एक कंपनी का मालिक है.