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Pahalgam Attack: 'नो मोर ड्रामा', पहलगाम के बाद टेंशन हाई, अमेरिका ने की जल्द समाधान निकालने की अपील

Pahalgam Attack: अमेरिका ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ खड़े होने की बात कही और भारत-पाकिस्तान से जिम्मेदार समाधान की दिशा में प्रयास करने का अनुरोध किया.

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Edited By: Ritu Sharma
Pahalgam Attack
Courtesy: Social Media

Pahalgam Attack Latest Update: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतते हुए एक 'जिम्मेदार समाधान' की दिशा में काम करने का आग्रह किया है. अमेरिकी विदेश विभाग ने साफ कहा कि वह हमले के बाद दोनों देशों से कई स्तरों पर संवाद में है. 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिसने क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है.

भारत ने अपनाया सख्त रुख

बता दें कि हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सीधा हमला बोला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमलावरों और उनके साजिशकर्ताओं की पहचान कर उन्हें सजा दिलाने की कसम खाई. भारत ने कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी बॉर्डर पर व्यापार रोकना और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट को समाप्त करना शामिल है. भारतीय सरकार ने पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई को "जरूरी और न्यायोचित" बताया है.

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और चीन का समर्थन

दूसरी ओर, पाकिस्तान ने स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए भारत पर पलटवार किया है. पाकिस्तानी मंत्रियों ने भारत को खुली धमकियां दी हैं. चीन ने भी पाकिस्तान के इस रुख का समर्थन करते हुए "निष्पक्ष जांच" का समर्थन किया है. बीजिंग के अनुसार, जांच में चीन, रूस या पश्चिमी देशों के विशेषज्ञ भी शामिल हो सकते हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी निष्पक्ष जांच में सहयोग देने की पेशकश की है.

अमेरिका का भारत के साथ खड़े रहने का वादा

वहीं अमेरिका ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत के प्रति अपना समर्थन दोहराया. विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ''संयुक्त राज्य अमेरिका सभी पक्षों को एक जिम्मेदार समाधान की दिशा में मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है.'' राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी भारत के साथ एकजुटता जताई है. वाशिंगटन नई दिल्ली को एशिया में चीन के प्रभाव के खिलाफ एक प्रमुख साझेदार मानता है.

हालांकि, दोनों देशों ने एक-दूसरे के उच्चायोगों में स्टाफ की संख्या में भी कटौती कर दी है. पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को 'तुच्छ' बताते हुए खारिज कर दिया और चेतावनी दी कि अगर भारत ने और कदम उठाए, तो उसे 'बराबर जवाब' मिलेगा.