Japan Hadaka Masturi Festival: जापान में सदियों पुराने त्योहार हदाका मत्सुरी में पहली बार महिलाओं ने भाग लिया. हदाका मात्सुरी को नेकेड फेस्टिवल के रूप में भी जाना जाता है. यह पिछले 1,250 सालों से मध्य जापान के कोनोमिया तीर्थ में एक पारंपरिक तौर पर मनाया जाने वाला त्योहार रहा है.सदियों पुराने जापानी त्योहार में हमेशा से पुरुष भाग लेते आए हैं और उनका वर्चस्व रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, अनुष्ठान के लिए इकट्टी हुई महिलाएँ इस बात से भली-भांति परिचित थीं कि वे एक ऐतिहासिक क्षण की गवाह बनने जा रही हैं. इस अनुष्ठान में सात महिला समूहों ने भाग लिया. मान्यताओं के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि यह बुरी आत्माओं को दूर रखता है और खुशी के लिए उन्हें आशीर्वाद प्रदान करता है.
जापान की सरकार ने पिछले साल लिंग अंतर को पाटने के लिए और समाज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के प्रयासों का वादा किया था. जापान पहले से ही लिंग अनुपात के अंतर को पाटने की कोशिश कर रहा है. पिछले साल आए जेंडर गैप इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार, 146 देशों में वह 125वें स्थान पर रहा था. जापान में प्रति 100 महिलाओं पर 95 पुरुष हैं.
जापान का यह त्योहार 1250 साल पुराना है. फरवरी के सर्द मौसम में इस त्योहार को मनाया जाता है. हजारों लोग सर्द पानी से होकर गुजरते हैं. जापान में इस साल त्योहार को आखिरी बार पुरुषों द्वारा मनाया गया है. इसके पीछे का कारण ये है कि जापान में युवा आबादी घट गई है.