menu-icon
India Daily

चांद की सतह पर हुआ कमाल! 9 दिन बाद जाग गया जापान का 'चंद्रयान'

Japan Moon Mission: जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA ने कहा कि चांद की सतह पर लैंडिंग करने के एक हफ्ते बाद उसका स्पेसक्राफ्ट फिर से काम करने लगा है. स्पेसक्राफ्ट ने बिजली बहाल कर ली है.

auth-image
Edited By: Shubhank Agnihotri
jAPAN

हाइलाइट्स

  • स्पेसक्राफ्ट ने शुरू किया काम 
  • चांद पर मौजूद हैं ढेरों संसाधन 

Japan Moon Mission: जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA ने कहा कि चांद की सतह पर लैंडिंग करने के एक हफ्ते बाद उसका स्पेसक्राफ्ट फिर से काम करने लगा है. स्पेसक्राफ्ट ने बिजली बहाल कर ली है. एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि उनका रविवार रात को अपने स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून के साथ संपर्क हो गया है. 20 जनवरी को चांद की सतह पर उतरने के बाद इसका धरती से संपर्क टूट गया था. जापान चांद की सतह पर अपना स्पेसक्राफ्ट उतारने वाला दुनिया का पांचवां देश बना है. 

स्पेसक्राफ्ट ने शुरू किया काम 

जापान की स्पेस एजेंसी ने कहा कि स्पेसक्राफ्ट ने सूर्य की दिशा में बदलाव के कारण लैंडर के सोलर पैनल पर लाइट पड़ी और उसने बिजली बनाने में सफलता पा ली. नौ दिन से चांद की सतह पर बेजान पड़ा लैंडर फिर से जिंदा हो गया और काम करने लगा. एजेंसी ने कहा कि लैंडर ने चांद के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए ओलिविन चट्टानों की सरंचना की जांच करना शुरू कर दी है.

चांद पर मौजूद हैं ढेरों संसाधन 

जापान के मून लैंडर ने 20 जनवरी को चांद पर अपने लक्षित स्थल से 55 मीटर दूर एक गड्ढे में लैंडिंग की थी. जानकारी के अनुसार, उसके मिशन ने पिन प्वाइंट लैंडिंग करने में सफलता हासिल की थी. यह एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से चांद के ध्रुवों के भविष्य की संभावनाओं को खोजा जा सकता है. कहा जाता है यहां ऑक्सीजन, ईंधन, पानी के संभावित ढेरों साधन हैं. 

कब तक काम करेगा स्पष्ट नहीं 

जापान की स्पेस एजेंसी ने यह नहीं बताया कि चांद की सतह पर यह कब तक काम करेगा. इससे पहले कहा गया था कि लैंडर को चांद रात में जीवित रहने के लिए नहीं बनाया गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि चांद पर रात के समय तापमान  -200 डिग्री तक चला जाता है. चांद पर एक रात धरती के 14 दिनों के बराबर होती है.