'भारत के आसपास मालवाहक जहाजों पर हमले गंभीर चिंता का विषय', लाल सागर संकट पर बोले जयशंकर

जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हमने भारत के आसपास कुछ हमले भी देखे हैं. ये सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए बड़ी चिंता का विषय है.

Om Pratap

Jaishankar statement on Houthi attacks in Red Sea: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत के आसपास के जहाजों पर हमले गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि इस तरह के खतरों का भारत की ऊर्जा और आर्थिक हितों पर सीधा असर पड़ता है. तेहरान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि ऐसी भयानक स्थिति किसी भी पक्ष के लिए फायदे के लिए नहीं है. 

जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन के साथ बातचीत के बाद एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरब सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर हमले के मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं में हाल के दिनों में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने ये भी कहा कि ऐसे हमलों को देखते हुए इन मुद्दों पर चर्चा जरूरी है.

जयशंकर ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हमने भारत के आसपास कुछ हमले भी देखे हैं. ये सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए बड़ी चिंता का विषय है. जयशंकर ने कहा कि भारत और ईरान दोनों पश्चिम एशिया में हाल की घटनाओं के बारे में चिंतित हैं. दोनों देश इस क्षेत्र में हिंसा और शत्रुता को और बढ़ने से रोकने के महत्व पर जोर देते हैं. 

जयशंकर बोले- गाजा में चिंताजनक स्थिति चर्चा का विषय

जयशंकर ने कहा कि इराक की ओर से हमास पर की जा रही कार्रवाई के दौरान गाजा में स्थिति बेहद चिंताजनक है, जो चर्चा का विषय है. उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों की मौतें, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की मौतें चिंता का विषय हैं. ये एक स्पष्ट मानवीय संकट है जिसे सुलझाने की जरूरत है. उन्होंने ये भी कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए वहां ह्यूमन कॉरिडोर की जरूरत है. साथ ही कहा कि इस दिशा में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं. 

जयशंकर ने कहा कि भारत ने खुद गाजा में राहत सामग्री पहुंचाई है और फ़िलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) को योगदान दिया है. फिलिस्तीन के मुद्दे पर, जयशंकर ने दो राज्य समाधान के लिए भारत के दीर्घकालिक समर्थन को दोहराया, जहां फिलिस्तीनी लोग सुरक्षित सीमाओं के भीतर एक स्वतंत्र देश में स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैंने सभी पक्षों को तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाइयों से बचने और बातचीत की आवश्यकता पर बल देने का सुझाव दिया है. 

लाल सागर की स्थिति पर भारत करीब से रख रहा नजर

बता दें कि इजराइल-हमास संघर्ष के बीच ईरान समर्थित यमन के हौथी विद्रोहियों की ओर से सबसे व्यस्त व्यापार मार्गों में से एक लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाने की कई खबरें आईं हैं.  अमेरिका और ब्रिटेन ने पिछले हफ्ते यमन में हौथी विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए थे. फिलहाल, लाल सागर में उभरती स्थिति पर भारत करीब से नजर रख रहा है. भारतीय नौसेना ने उत्तर और मध्य अरब सागर समेत महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में समुद्री वातावरण को देखते हुए समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए जहाजों और निगरानी विमानों की तैनाती पहले ही बढ़ा दी है.