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'भारत भड़का रहा बलूचिस्तान में आतंकवाद की आग', जाफर एक्सप्रेस हाइजैक पर पाकिस्तान के बिगड़े बोल

लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने दावा किया कि इस हमले में आतंकियों ने भारतीय और अफगान हथियारों का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा, "यह समझना जरूरी है कि बलूचिस्तान में इस आतंकी घटना और पहले के हमलों के पीछे आपका पूर्वी पड़ोसी (भारत) मुख्य प्रायोजक है."

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Jaffar Express hijack Pakistan says India is the main sponsor of terrorism in Balochistan

पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने शुक्रवार को दावा किया कि बलूचिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने में भारत मुख्य प्रायोजक है. यह बयान जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हुए हमले के संदर्भ में आया, जिसे बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने अंजाम दिया था.

बीएलए ने किया था जाफर एक्सप्रेस का अपहरण

यह हमला मंगलवार दोपहर को शुरू हुआ, जब BLA के आतंकियों ने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला किया. ट्रेन में 440 यात्री सवार थे. आतंकियों ने गोलीबारी की और यात्रियों को बंधक बना लिया. इसके जवाब में सुरक्षा बलों ने दो दिन तक ऑपरेशन चलाया, जो बुधवार शाम को खत्म हुआ. लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने बताया कि सभी 33 आतंकी मारे गए, लेकिन इस दौरान 21 यात्रियों और चार फ्रंटियर कोर (FC) जवानों की जान चली गई. अंतिम चरण में बंधकों को सुरक्षित बचा लिया गया.

उन्होंने कहा कि आतंकियों ने हमले के लिए एक दूरदराज इलाका चुना था, जहां पहुंचना मुश्किल था और मोबाइल सिग्नल भी नहीं थे. हमले से पहले आतंकियों ने एक FC चौकी पर हमला कर तीन जवानों को शहीद कर दिया था. ऊंचाई पर स्थिति लेने के बाद उन्होंने एक विस्फोटक उपकरण (IED) से ट्रेन को रोक दिया और यात्रियों को बंधक बनाया. कुछ यात्रियों को ट्रेन के अंदर रखा गया, जबकि बाकियों को तीन समूहों में बाहर बांटा गया. कुछ को उनकी जातीय पहचान के आधार पर छोड़ दिया गया, जिसे आतंकियों ने मानवीय छवि बनाने की कोशिश बताया.

भारत पर आरोप
लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने दावा किया कि इस हमले में आतंकियों ने भारतीय और अफगान हथियारों का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा, "यह समझना जरूरी है कि बलूचिस्तान में इस आतंकी घटना और पहले के हमलों के पीछे आपका पूर्वी पड़ोसी (भारत) मुख्य प्रायोजक है." उन्होंने भारतीय अधिकारियों और हस्तियों के कुछ वीडियो क्लिप दिखाए, जिनमें कथित तौर पर बलूचिस्तान को अस्थिर करने की बात थी. उनके मुताबिक, यह हमला उसी नीति का हिस्सा है.

आतंकियों के पक्ष में नैरेटिव बनाने की कोशिश कर रहा भारत
DG ISPR ने भारतीय मीडिया पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया ने घटना के फर्जी फुटेज और AI-जनरेटेड तस्वीरें फैलाकर प्रोपेगैंडा किया. उनका आरोप था कि भारत सूचना युद्ध में आगे है और आतंकियों के पक्ष में नैरेटिव बनाने की कोशिश कर रहा है.

आतंकवाद में बढ़ोतरी और जवाब
आतंकवाद बढ़ने के सवाल पर चौधरी ने कहा कि नेशनल एक्शन प्लान के 14 बिंदुओं को लागू करने की गति पर ध्यान देना होगा. 2024 में 59,775 खुफिया आधारित ऑपरेशन हुए, जबकि 2025 में अब तक 11,654 ऑपरेशन हो चुके हैं. इस साल औसतन 180 ऑपरेशन रोज हो रहे हैं. इनमें 1,250 आतंकी मारे गए, वहीं 563 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री बुगती ने कहा कि यह एक खुफिया-संचालित युद्ध है, जो RAW और अन्य शत्रु एजेंसियां अफगानिस्तान की जमीन से चला रही हैं. उन्होंने आतंकियों को "शुद्ध बुराई" करार दिया और कहा कि सुरक्षा बल जल्द इस स्थिति को संभाल लेंगे.

गायब लोगों का मुद्दा
लापता लोगों के सवाल पर बुगती ने इसे जटिल बताया. उन्होंने कहा कि संख्या स्पष्ट नहीं है, लेकिन एक भी व्यक्ति का गायब होना गलत है. उन्होंने जबरन गायब होने और खुद गायब होने में अंतर बताया. DG ISPR ने इसे खुफिया विफलता मानने से इनकार किया और कहा कि बलूचिस्तान में खुफिया चुनौतियां बहुत हैं, लेकिन कई हमले रोके भी गए हैं.

देश की प्रतिक्रिया
गुरुवार को क्वेटा में एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई, जिसमें पीएम शहबाज शरीफ, सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर और अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में देश को अस्थिर करने की कोशिशों का जवाब देने का संकल्प लिया गया. राष्ट्रीय सभा में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने PTI पर हमले को राजनीतिक बनाने का आरोप लगाया. इस हमले की चीन, अमेरिका, ईरान और जर्मनी जैसे देशों ने निंदा की.

बलूचिस्तान में BLA के हमले
पिछले साल से बलूचिस्तान में आतंकी हमले बढ़े हैं. नवंबर 2024 में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे. अगस्त में BLA ने कई हमले किए, जिसमें 50 लोग मारे गए. पाकिस्तान ने 2006 में BLA को आतंकी संगठन घोषित किया था. यह घटना देश की सुरक्षा के लिए चुनौती है, जिस पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है.