बलूचिस्तान के बोलान जिले में मंगलवार को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया. इस अभूतपूर्व घटना में आतंकियों ने 400 से ज्यादा यात्रियों को बंधक बना लिया, जिनमें कई सुरक्षा कर्मी भी शामिल थे. सरकारी मीडिया के अनुसार, सुरक्षा बलों ने अब तक 190 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया है और 30 आतंकियों को मार गिराया है. बचाव अभियान बुधवार को दूसरे दिन भी जारी है.
यह हमला मशकाफ टनल के पास हुआ, जो क्वेटा से करीब 157 किलोमीटर दूर है. ट्रेन में लगभग 450 लोग सवार थे. बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, इस घटना में 70 से 80 आतंकी शामिल थे. आतंकियों ने रेलवे ट्रैक को उड़ाकर ट्रेन को रोका और फिर हमला शुरू कर दिया.
190 लोग बचाए गए
सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और अब तक 190 लोगों को बचा लिया है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. इनमें से 37 घायल यात्रियों को इलाज के लिए भेजा गया है, जबकि 57 लोगों को प्रांतीय राजधानी क्वेटा पहुंचाया गया है. आतंकियों के साथ मुठभेड़ में 30 हमलावर मारे गए हैं, लेकिन कुछ बंधक अभी भी उनके कब्जे में हैं.
रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, आतंकी अफगानिस्तान में अपने सहयोगियों के संपर्क में हैं. सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि आतंकियों ने कुछ बंधकों के पास आत्मघाती हमलावर तैनात किए हैं, जो विस्फोटक जैकेट पहने हुए हैं. हार की आशंका में वे मासूम लोगों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके कारण बचाव अभियान में सावधानी बरती जा रही है.
आतंकियों की मांगें क्या हैं?
बीएलए ने इस हमले के पीछे अपनी मांगें रखी हैं. वे बलूच राजनीतिक कैदियों, कार्यकर्ताओं और लापता लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं, जिन्हें उनके अनुसार सेना ने अगवा किया है. संगठन ने सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और धमकी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे बंधकों को नुकसान पहुंचाएंगे. बीएलए का दावा है कि उनके पास अभी भी 200 से ज्यादा बंधक हैं, जिनमें सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कर्मी शामिल हैं.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सहायता
इस घटना की अमेरिका, चीन, संयुक्त राष्ट्र, ईरान और जर्मनी सहित कई देशों ने निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र ने बंधकों की तत्काल रिहाई की मांग की है. पाकिस्तान सरकार ने यात्रियों के परिवारों के लिए हेल्प डेस्क और आपातकालीन सेल बनाए हैं. आंतरिक मंत्रालय ने इसे कायरतापूर्ण हमला करार देते हुए आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. बलूचिस्तान में यह पहली बार है जब किसी ट्रेन को हाईजैक किया गया है. यह घटना क्षेत्र में बढ़ती आतंकी गतिविधियों की ओर इशारा करती है. सुरक्षा बल अब भी बाकी बंधकों को छुड़ाने और आतंकियों को खत्म करने के लिए अभियान चला रहे हैं.