Israel News: इजरायली डिफेंस फोर्स के इंटेलिजेंस चीफ मेजर जनरल अहरोन हलीवा ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. कहा जा रहा है इजरायल पर सात अक्टूबर के अप्रत्याशित हमले को रोक पाने में विफल रहने के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा दिया है. सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, इस घातक हमले के बाद हलीवा पहले शख्स हैं जिन्होंने अपनी भूमिका में विफलता के बाद अपना पद छोड़ा है. हालांकि उनके इस्तीफे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं क्योंकि बीते दिन ही बाइडन प्रशासन ने इजरायली सेना की बटालियन नेतजाहा येहुदा पर प्रतिबंध लगाए जाने का एलान किया है. इस एलान के बाद बेंजामिन सरकार आग बबूला है और अमेरिका के इस कदम की निंदा की है.
मेजर जनरल ने अपने त्यागपत्र में लिखा कि खुफिया निदेशालय की कमान उन्हें सौंपी गई थी. मैं उस जिम्मेदारी पर खरा नहीं उतर पाया जिसकी हमारी जनता उम्मीद कर रही थी. सात अक्टूबर का हमला मेरे जीवन की सबसे काली रात है. यह ऐसा दर्द है जिसे मैं कभी नहीं भूल पाउंगा. सेना ने अपने बयान में कहा कि सैन्य प्रमुख ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है और उनकी सेवाओं के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है.
हमास के हमले के बाद हलीवा ने एक सार्वजनिक बयान में कहा था कि सरकार और सेना को खुफिया चेतावनियाँ और अलर्ट करने के लिए जिम्मेदार सैन्य विभाग के चीफ के रुप में वे हमास के हमले को रोकने में विफल रहे हैं और वे इसे स्वीकार करते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल गाजा में निर्णायक जंग लड़ रहा है. इसके अलावा उसे अब ईरानी मोर्चे पर भी सीधी चुनौती मिल रही है. ऐसे समय हलीवा का इस्तीफा इजरायली सेना पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
सात अक्टूबर के हमास के अप्रत्याशित हमले में 1200 इजरायली नागरिकों की मौत हो गई थी. हमास के आतंकी अपने साथ 250 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले आए थे. जंग की समाप्ति के बाद यह उम्मीद की जा रही थी इस हमले को लेकर सरकार और सेना के तमाम वरिष्ठ लोग देश को जवाब देंगे कि इतनी बड़ी सुरक्षा चूक आखिर कैसे हो गई?