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India Daily

UN को भी नहीं बख्श रहा इजरायल, लेबनान में मौजूद शांति रक्षक बेस के गेट को तोड़ घुसे इजरायली टैंक

Israel–Hezbollah conflict: इस स्थिति ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है. सभी पक्षों के बीच संवाद और समझौते की आवश्यकता है ताकि क्षेत्र में स्थिरता और शांति को बनाए रखा जा सके. इजरायल के खिलाफ बढ़ते आरोपों और हिजबुल्ला के साथ बढ़ते संघर्ष के बीच, यह आवश्यक हो गया है कि सभी पक्ष संयम बरतें और शांति की दिशा में कदम बढ़ाएं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Israel–Hezbollah conflict
Courtesy: IDL

Israel–Hezbollah conflict: संयुक्त राष्ट्र (UN) ने रविवार को एक गंभीर आरोप लगाया है कि इजरायली टैंकों ने दक्षिण लेबनान में उसके शांति रक्षक बल के एक बेस के गेट को तोड़ दिया. यह घटना इजरायल के खिलाफ एक और मामला है, जिसे उसके अपने सहयोगी भी निंदित कर रहे हैं. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने UN से अनुरोध किया है कि वे UNIFIL (यूनाइटेड नेशन्स इंटरिम फोर्स इन लेबनान) शांति रक्षक बल को युद्ध क्षेत्रों से हटा दें.

शांति रक्षकों की सुरक्षा पर खतरा

UNIFIL ने रिपोर्ट किया कि दो इजराइली मर्कावा टैंकों ने सुबह के समय बेस के मुख्य गेट को नष्ट कर दिया और उसके अंदर घुस गए. इसके तुरंत बाद, बेस के निकट गोले फटे, जिससे धुआं फैल गया और यह यूएन के कर्मियों की ओर बढ़ा. इस धुएं से 15 कर्मियों को चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ी, भले ही वे गैस मास्क पहन रहे थे.

यूएन शांति रक्षक बल ने इजराइली सेना (IDF) पर एक लॉजिस्टिक्स काफिले को रोकने का आरोप लगाया, लेकिन इजरायली सेना ने इस मामले पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. UNIFIL ने स्पष्ट किया कि "शांति रक्षकों पर जानबूझकर किया गया कोई भी हमला अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून और संकल्प 1701 का गंभीर उल्लंघन है." उन्होंने IDF से इन "चौंकाने वाले उल्लंघनों" का स्पष्टीकरण मांगा है.

नेतन्याहू का बयान

नेतन्याहू ने यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के नाम एक पत्र में लिखा, "अब समय आ गया है कि आप UNIFIL को हिजबुल्ला के गढ़ों और युद्ध क्षेत्रों से हटा दें." उन्होंने कहा कि IDF ने इस बारे में कई बार अनुरोध किया है, लेकिन हर बार ठुकरा दिया गया है, जिससे हिजबुल्ला के आतंकवादियों को मानव ढाल मिलने में मदद मिलती है.

हिजबुल्ला का खंडन

ईरान समर्थित उग्रवादी समूह हिजबुल्ला ने इजराइल के आरोपों का खंडन किया है. हिजबुल्ला ने कहा है कि वे शांति रक्षकों के निकटता का सुरक्षा के लिए उपयोग नहीं करते. हाल के दिनों में, हिजबुल्ला और इजराइल के बीच संघर्ष फिर से बढ़ गया है.

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, जो आमतौर पर इजराइल की समर्थक हैं, ने नेतन्याहू से फोन पर बात की और इजराइली हमलों की "अस्वीकृत" होने की निंदा की. इटली के पास UNIFIL में एक हजार से अधिक सैनिक हैं, जो इसे सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक बनाता है. फ्रांस और स्पेन ने भी इजरायली हमलों की निंदा की है.

इजराइल की विदेश मंत्री इस्राइल कात्ज़ ने बताया कि इजराइल ने UN प्रमुख गुटेरेस को देश में प्रवेश से रोका है.

शांति रक्षकों की स्थिति

UNIFIL की उपस्थिति के कारण 50 विभिन्न देशों के शांति रक्षकों को खतरे में डाला गया है. यह बल 1978 में दक्षिण लेबनान में स्थापित किया गया था और क्षेत्र में लगातार संघर्ष का सामना कर रहा है. हाल के हफ्तों में, इजराइल के हिजबुल्ला के खिलाफ हमले लेबनान में दशकों में सबसे घातक रहे हैं, जिससे 12 लाख लेबनानियों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

भविष्य की चिंता

यूएस रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलंट से बात करते हुए शांति रक्षकों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने इजराइल से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि शांति रक्षक और लेबनानी सेना की सुरक्षा सुनिश्चित हो.

लेबनान की सरकार ने कहा है कि पिछले एक वर्ष में 2100 से अधिक लोग मारे गए हैं और 10,000 घायल हुए हैं. यह आंकड़ा नागरिकों और लड़ाकों के बीच का भेद नहीं बताता है, लेकिन इसमें कई महिलाओं और बच्चों को शामिल किया गया है.