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India Daily

जश्न नहीं माताम में डूबा गाजा, इजरायल ने मचाया कत्लेआम, ताबड़तोड़ हमला कर नए साल पर दर्जनों को उतारा मौत के घाट

Israel-Hamas War: इजरायली सेना का दावा है कि उनका निशाना केवल आतंकवादी हैं, और वे यह मानते हैं कि नागरिकों की मौत के लिए हमास जिम्मेदार है, क्योंकि उसके लड़ाके नागरिक क्षेत्रों में छिपते हैं. इजरायली सेना का कहना है कि अब तक 17,000 आतंकवादियों को मार जा चुका है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Israeli Strikes in Gaza Kill 12 in 1 January 2025 Happy New Year Occassion
Courtesy: Social Media

Israeli Strikes in Gaza: नए साल के अवसर पर इजरायल ने गाजा पर फिर से कोहराम मचा दिया. एक ओर पूरी दुनिया नए साल के जश्न में डूबी थी तो दूसरी ओर इजारयल ने गाजा पर बम बरसाकर 12 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. मृतकों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे. बीते 15 महीने से इजरायल और हमास के बीच चल रहे इस युद्ध का अंत नहीं दिख रहा है. 

इजरायली हमले ने गाजा के जाबलिया क्षेत्र को निशाना बनाया, जो अब तक का सबसे अधिक नष्ट और अलग-थलग पड़ा हुआ इलाका बन चुका है. यहां पर अक्टूबर से ही इजराइल का बड़ा सैन्य अभियान चल रहा है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस हमले में सात लोग मारे गए, जिनमें एक महिला और चार बच्चे शामिल थे. इसके अलावा दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं.

गाजा पर बम बरसाकर तबाही मचा रहा इजरायल

गाजा के केंद्रीय क्षेत्र स्थित बुरीज शरणार्थी शिविर पर एक और हमला हुआ, जिसमें एक महिला और एक बच्चा मारे गए. इस हमले के बाद, अल-अक्सा शहीद अस्पताल ने दोनों शवों को प्राप्त किया. इजरायली सेना ने हाल ही में बुरीज के आस-पास के क्षेत्रों से लोगों को निकालने का आदेश दिया था और कहा था कि यह हमला उन स्थानों पर किया जाएगा, क्योंकि वहां से हाल में रॉकेट फायर हुए थे.

गाजा के दक्षिणी शहर खान यूनिस में भी बुधवार को एक और इजरायली हवाई हमले में तीन लोगों की मौत हो गई. यह जानकारी पास स्थित नासर अस्पताल और यूरोपीय अस्पताल से प्राप्त हुई, जहाँ इन शवों को लाया गया था.

अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ था युद्ध

यह युद्ध अक्टूबर 2023 में हुआ था जब हमास समर्थित लड़ाकों ने इजरायल के दक्षिणी हिस्से पर हमला किया, जिसमें लगभग 1200 इजरायली नागरिक मारे गए और 250 से अधिक लोग अपहृत किए गए. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक इस संघर्ष में 45,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की जान जा चुकी है, जिनमें से आधे से ज्यादा महिलाएँ और बच्चे हैं.