menu-icon
India Daily

Israeli Strike On Gaza Strip: गाजा में इजराइल का बड़ा हमला; हमास कमांड सेंटर को टारगेट कर गिराए मिसाइल, 40 से अधिक लोगों की मौत

Israeli Strike On Gaza Strip: गाजा पट्टी के खान यूनिस में अल-मवासी ह्यूमेटेरियन एरिया पर इजरायली हवाई हमले में कम से कम 40 लोग मारे गए और 60 अन्य घायल हो गए. ये हमला विस्थापित नागरिकों वाले क्षेत्र में हुआ. इजरायल ने दावा किया कि उसने हमास कमांड सेंटर को निशाना बनाया, लेकिन हमास ने साइट पर अपने लड़ाकों की मौजूदगी से इनकार किया.

auth-image
Edited By: India Daily Live
Israeli strike on Gaza
Courtesy: Reuters

Israeli Strike On Gaza Strip: दक्षिणी गाजा पट्टी के खान यूनिस में अल-मवासी ह्यूमेटेरियन क्षेत्र पर इजरायली हवाई हमले में कम से कम 40 लोग मारे गए और 60 अन्य घायल हो गए. फिलिस्तीनी वफ़ा न्यूज एजेंसी के अनुसार, गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने मंगलवार की सुबह हताहतों की सूचना देते हुए कहा कि हमले में विस्थापित नागरिकों के आवास वाले क्षेत्र को निशाना बनाया गया.

नागरिक सुरक्षा अधिकारी मोहम्मद अल-मुग़ैर ने पुष्टि की कि 40 'शहीद' और 60 घायलों को बरामद कर लिया गया है और उन्हें नज़दीकी अस्पतालों में एडमिट कर दिया गया है. बचाव अभियान जारी है, मलबे के नीचे फंसे 15 और लोगों को खोजने का प्रयास किया जा रहा है.

इजराइली सेना बोली- हमास कमांड सेंटर को निशाना बनाकर किए हमले

फिलिस्तीन की ओर से बताया गया कि हमले में काफी नुकसान हुआ है, क्षेत्र में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. नागरिक सुरक्षा प्रवक्ता महमूद बसल ने इस दृश्य को विनाशकारी बताते हुए कहा कि मावासी खान यूनिस हत्याकांड में पूरे परिवार रेत के नीचे, गहरे गड्ढों में गायब हो गए. वहीं, जवाब में, इजरायली सेना ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि हमले ने खान यूनिस में मानवीय क्षेत्र के भीतर संचालित हमास कमांड सेंटर को निशाना बनाया.

इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने हमास पर इजरायल के खिलाफ हमले करने के लिए नागरिक और मानवीय बुनियादी ढांचे का व्यवस्थित रूप से दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. इजराइल के आरोपों का हमास ने खंडन किया और कहा कि इजराइली सेना की ओर से लगाए गए आरोप सरासर झूठ है, उसके लड़ाके उस स्थान पर मौजूद नहीं थे.

टेंट कैंप पर चार मिसाइलों से इजराइल ने किया हमला

निवासियों और चिकित्सकों ने बताया कि अल-मवासी इलाके में स्थित टेंट कैंप पर कम से कम चार मिसाइलों से हमला किया गया. कैंप में विस्थापित फिलिस्तीनी लोग भरे पड़े हैं जो इलाके के अन्य इलाकों से भागकर आए हैं.

गाजा नागरिक आपातकालीन सेवा ने कहा कि कम से कम 20 टेंटों में आग लग गई और मिसाइलों के कारण नौ मीटर (30 फीट) तक गहरे गड्ढे हो गए. हताहतों के आंकड़े संकलित करने वाले गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई.

गाजा के एक नागरिक आपातकालीन अधिकारी ने कहा कि हमारी टीमें अभी भी लक्षित क्षेत्र से शहीदों और घायलों को निकाल रही हैं. ये एक नया इज़रायली नरसंहार लग रहा है.

कई फिलिस्तिनी 10 से अधिक बार बदल चुके हैं ठिकाना

गाजा के 2.3 मिलियन लोगों में से लगभग सभी को कम से कम एक बार अपने घरों से निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा है, तथा कुछ को तो 10 बार तक भागना पड़ा है. संघर्ष की शुरुआत से ही अल-मवासी में कई लाख लोग जमा हो गए हैं, जबकि वहां बुनियादी सेवाओं का प्रावधान बहुत कम है. पिछले महीने, मानवीय अधिकारियों ने पुष्टि की कि वहां भीड़भाड़ के कारण आईडीएफ की ओर से निकासी के आदेश दिए गए लोग वहां से निकलने से कतरा रहे हैं , जबकि वहां रहना खतरनाक है.

पिछले वर्ष संघर्ष शुरू होने के बाद से शिविर पर कई घातक हमले हो चुके हैं. ये युद्ध 7 अक्टूबर को शुरू हुआ जब हमास ने इजरायल पर हमला किया, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 बंधक बना लिए गए. क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा पर इजरायल के हमले में 40,900 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. माना जाता है कि हजारों लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं, जबकि युद्ध के अप्रत्यक्ष परिणामों से हजारों लोग मारे गए हैं और हजारों लोग घायल हुए हैं.

दोनों युद्धरत पक्ष एक-दूसरे पर अब तक युद्ध विराम तक पहुंचने में विफलता का आरोप लगा रहे हैं, जिससे लड़ाई समाप्त हो जाती और बंधकों की रिहाई हो जाती.